अमरावती/दि.27- कोरोना महामारी के कारण पहले एसटी सेवा बाधित हुई. फिर कर्मचारियों का आंदोलन चला. उसे भी खत्म हुए आठ माह बीत गए. फिर भी एसटी के करीब 35 लाख यात्री उससे दूर हो जाने का आंकड़ा अधिकृत तौर पर मिल रहा है. जिसका परिवहन निगम की आमदनी पर भी असर हो रहा है. मोटे तौर पर 1 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है. ठेकेदारों के 2 हजार करोड़ के बिल प्रलंबित होने की जानकारी है.
* 62 लाख यात्री रोजाना
परिवहन निगम की बसों से कोरोना से पहले रोजाना 60 से 62 लाख प्रवासी यात्रा करते थे. फिलहाल मात्र 25 लाख यात्री रोज सफर कर रहे हैं. जिससे साफ है कि 35 लाख यात्री एसटी निगम से दूर हो गए हैं.
* महीने की आमदनी घटी
प्रवासियों की संख्या घटने से एसटी का घाटा लगातार बढ़ रहा है. पहले चार माह तक चली हड़ताल के कारण एसटी घाटे में रही. अब प्रति माह निगम को 700 करोड़ रुपए की आवश्यकता होती है. मगर फिलहाल यात्री आवागमन से केवल 500 करोड़ की आमदनी हो रही है. चालू वर्ष में 1 हजार करोड़ का घाटा हो गया है. ठेकेदारों के बिल लगातार प्रलंबित हो रहे हैं.
नई बसेस सेवा में
इस बीच अपने ग्राहकों को दोबारा आकर्षित करने एसटी निगम ने पुरानी खटारा बसों को हटाकर नई बसेस लाना शुरु कर दिया. सोमवार को पुणे से वााशिम साधारण किराए पर नई सुविधाओं से युक्त बस सेवा आरंभ हो गई. इस बस में पुशबैक सीट, खिड़की की ऊंचाई, मोबाइल चार्जिंग, इमरजंसी पैनिक बटन और घोषणा सिस्टम है. 47 यात्री आराम से सफर कर सकते हैं.