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मंडी में उत्पात मचानेवाले 35 बंदर पिंजरे में कैद किए गए

वन्यजीव प्रेमी की सहायता से समाधान गिरी ने इन सभी बंदरों को पोहरा के जंगल में छोडा

चांदुर रेलवे/ दि. 19-शहर के विभिन्न इलाको समेत कृषि उपज मंडी में उत्पात मचाकर किसानों के माल को नुकसान पहुंचाने के साथ दहशत मचानेवाले 35 बंदरों को पूर्व विधायक वीरेंद्र जगताप के प्रयासों से वन्यजीव प्रेमी समाधान गिरी के माध्यम से पिंजरे में कैद कर पोहरा के जंगल में छोड दिया गया.
जानकारी के मुताबिक चांदुर रेलवे शहर में पिछले कुछ दिनों से बंदरो ने उत्पात मचा रखा था. शहर के विभिन्न इलाकों सहित उपज मंडी में भी इन वानरो को उत्पात शुरू था. किसानों द्बारा बिक्री के लिए मंडी में लाए गए माल को भी यह बंदर उत्पात मचाते हुए नुकसान पहुंंचा रहे थे. यह बात मंडी के नवनिर्वाचित सभापति जगदीश आरेकर व पूर्व विधायक वीरेंद्र जगताप के ध्यान में आते ही उन्होंने सिल्लोड के वन्यजीव प्राणी मित्र समाधान गिरी को जानकारी देकर चांदुर रेलवे बुलाया. शहर में करीबन 150 से 200 बंदर एक घर से दूसरे घर पर कूदकर उत्पात मचाने रहने से गांव के छोटे बच्चे और महिलाएं घर के बाहर निकलने से भी भयभीत हो रहे थे और शहर में दहशत का वातावरण निर्माण हो गया था. इसके अलावा घर के बाहर खडे वाहनों पर भी बंदरों का उत्पात श्ाुरू रहने से वाहनों को भी नुकसान पहुंचा था. किसानों के खेतों में भी यही सिलसिला जारी था. बंदरों के इस उत्पात से किसान समेत शहर के नागरिक त्रस्त हो गए थे. वन्यजीव प्रेमी समाधान गिरी ने रविवार की शाम 6 बजे चांदुर रेलवे पहुंचकर नागरिकों की सहायता से 35 बंदर पिंजरे कैद करने की सफलता प्राप्त की और पश्चात पोहरा के जंगल में छोड दिए. तब नागरिकों ने राहत की सांस ली.

* वनविभाग की अनदेखी
कोई भी प्राणी शहर में यदि उत्पात मचाता हो तो उसे पकडने का काम वनविभाग का रहता है. पिछले कुछ दिनों से चांदुर रेलवे में बंदरों का उत्पात जारी रहने के बावजूद वनविभाग की इस ओर अनदेखी रही. एक वन्यजीव प्रेमी जब इन बंदरों को पकडने का साहस कर रहा था तब वनविभाग के दल का वहां उपस्थित रहना जरूरी था. लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी व कर्मचारी की अनदेखी रहने से नागरिकों में तीव्र असंतोष व्याप्त है.

 

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