स्कूल वैन के किराए में 35 प्रतिशत वृद्धि
पालकों पर बढ़ा आर्थिक बोझ

* विद्यार्थी यातायात व्यवस्था हुई महंगी
अमरावती/दि.8– डीजल, पेट्रोल की बढ़ी हुई दर, शासकीय व्यवस्था वसुल करने वाले विविध कर, दोगुना बढ़ा हुआ जुर्माना व स्पेअरपार्ट की कीमतों में हुई वृद्धि के कारण विद्यार्थियों का यातायात करने वाली स्कूल बस, वैन चालक व मालिकों ने भी 35 प्रतिशत किराये में वृद्धि करने का निर्णय लिया है.
वाहनों के लिए लगने वाले ईंधन की कीमतों में वृद्धि हुई है. इसका असर आवश्यक पर्यायी व्यवस्था पर हो रहा है कोविड काल में दो वर्ष स्कूल बस व स्कूल वैन का व्यवसाय पूरी तरह से बंद था. जिसके चलते शासन ने दो वर्ष का यातायात कर माफ किया था. लेकिन सिर्फ एक कर माफ करने से कुछ नहीं होता, वाहन परवाना, बीमा, अन्य दस्तावेज,फिटनेस, प्रमाणपत्र इसके लिए भी शासकीय व्यवस्था में शुल्क के नाम पर पैसे खर्च करने पड़ते हैं. वह कर भी बढ़ ही रहा है. बैंक का हफ्ता बकाया होने से उनका व्यवसाय पूरी तरह बंद हो गया था. बावजूद दो वर्ष पहले की डिजल की कीमत 65 रुपए से 100 रुपए हो गई है. टायर की कीमत 40 से 50 प्रतिशत बढ़ी है. दो वर्ष में हुए नुकसान की भरपाई करना, व्यवसाय पहले के समान लाने के लिए स्कूल बस व स्कूल वैन चालकों को चालू शैक्षणिक वर्ष में किराये में वृद्धि करना आवश्यक हो गया है. 30 से 35 प्रतिशत हुई किराया वृद्धि सामान्य नागरिकों के लिए निश्चित ही कठिन है.
विद्यार्थी यातायातदारों द्वारा की गई किराया वृद्धि अधिक होने की बात कहते हुए पालकों द्वारा नाराजी व्यक्त की गई है. एक ओर पुस्तकों सहित शालेय स्टेशनरी की कीमतों में वृद्धि होने के बाद उनकी खरीदी पालकों ने की.जिसके चलते किराया वृद्धि का अतिरिक्त भार भी इस वर्ष से पालकों को सहन करना पड़ेगा.