अमरावती/दि.20– सरकार कोई भी हो फिर भी किसान और कृषि विभाग अनदेखा ही रहा है. अधिकारी व कर्मचारियों के 40 फीसद से अधिक रिक्त पद के कारण काम का तनाव बढा रहते पश्चिम विदर्भ में पांच जिलो के 36 कृषि कार्यालयों का कामकाज किराए की इमारतों में ही शुरु है. इसके लिए प्रतिमाह 5 लाख 85 हजार 728 रुपए का किराया शासन को देना पडता है.
पश्चिम विदर्भ में 56 तहसील है. प्रत्येक तहसील में 1 तहसील कृषि अधिकारी कार्यालय, 1 तहसील बीजगणना प्रक्षेत्र कार्यालय, 1 तहसील फल रोपवाटिका प्रक्षेत्र कार्यालय ऐसे स्वतंत्र कार्यालय है. इसमें विभाग की 20 तहसीलों में महत्व के रहने वाले तहसील कृषि अधिकारी कार्यालय में अभी तक खुद की इमारत न रहने की जानकारी है. इसके अलावा 16 तहसीलों में बुआई की समय महत्व की रहनेवाले तहसील बीजगणना प्रक्षेत्र कार्यालय किराए की इमारत में है. साथ ही फलोत्पादन का क्षेत्र बढाने के लिए महत्व की भूमिका रहनेवाले 9 तहसील/जिला फल रोपवाटिका प्रक्षेत्र कार्यालय भी किराए की इमारत में है. विभाग में कृषि विभाग के कुल 81 है. इसमें से 36 कार्यालय का कामकाज फिलहाल किराए की इमारतों से श्ाुरु है. इसमें अधिकारी, कर्मचारी और काम निमित्त आनेवाले किसानों को परेशानी का सामना करना पडता है यह सच्चाई है.
* जिला निहाय प्रतिमाह किराए का खर्च
अमरावती जिले में कृषि के कुल 16 कार्यालय है. इसमें से कुल 8 कार्यालय किराए की इमारत में है और इसके लिए प्रतिमाह 1 लाख 7 हजार 214 रुपए किराया देना पडा है. अकोला जिले में 11 में 5 कार्यालय के लिए प्रतिमाह 1 लाख 18 हजार 412 रुपए, यवतमाल जिले में 23 में से 11 कार्यालय के लिए 2 लाख 1 हजार 543 रुपए, बुलढाणा जिले में 16 में से 10 कार्यालय के लिए 1 लाख 34 हजार 740 रुपए और वाशिम जिले में 8 में से 2 कार्यालय के लिए 23 हजार 819 रुपए का किराया अदा करना पड रहा है.