अमरावती

मोर्शी तहसील में 36 हजार हेक्टर की फसलें बर्बाद

सोयाबीन, कपास का सर्वाधिक नुकसान

किसानों द्वारा मदद की मांग
मोर्शी-  दि. 18 तहसील में 4 जुलाई से 5 अगस्त दरमियान हुई मूसलाधार बारिश के कार 46 हजार 846 हेक्टर की फसल का नुकसान हुआ है. इसमें सर्वाधिक सोयाबीन की फसल का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है.
हर साल मोर्शी तहसील में ज्यादा से ज्यादा किसान अपने खेतों में सोयाबीन की बुआई करते हैं. इस बार सोयाबीन फसल के 10 हजार 579 हेक्टर, कपास फसल के 21 हजार 148 हेक्टर व तुअर फसल के 4 हजार 555 हेक्टर की फसल का नुकसान हुआ है. कुल 36 हजार 283 हेक्टर पर की प्रमुख फसलें बाधित हुई है. तिल्ली सात हेक्टर, मक्का 237 हेक्टर, प्याज 6 हेक्टर, साग सब्जी 492 हेक्टर, नींबू 31 हेक्टर, संतरा 9222 हेक्टर, मोसंबी 119 हेक्टर, आवला 17 हेक्टर फसलों का नुकसान हुआ है व अन्य 470 हेक्टर फसलों का नुकसान हुआ है.
मोर्शी तहसील के कुल सात मंडल होकर मोेर्शी की 5575 हेक्टर, शिरखेड की 5270 हेक्टर, अंबाडा की 8089 हेक्टर, रिद्धपुर की 7140 हेक्टर, धामणगांव की 7350 हेक्टर, नेरपिंगलाई के 7070 हेक्टर ऐसे तहसील के कुल 46 हजार 846 हेक्टर फसलों का अतिवृष्टि से नुकसान हुआ. दोबारा बुआई के बाद भी 1240 हेक्टर की सोयाबीन, 65 हेक्टर पर के कपास, तो 258 हेक्टर की तुअर फसल का नुकासन हुआ. जिसके चलते किसान पूरी तरह से हवलदिल हो गया है.
अतिवृष्टि के कारण मोर्शी में 23.1, अंबाडा 147.1, रिद्धपुर 525.2, शिरखेड 131.15, धामणगांव 430.3, नेरपिंगलाई 163.8 हेक्टर ऐसे कुल 1401.25 हेक्टर जमीन खराब हो जाने के कारण किसानों का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है. इसी तरह बारिश जारी रही तो इस वर्ष एक भी फसल के पैसे किसानों को नहीं मिल सकेंगे व किसानों की दिवाली शायद अंधेरे में होगी, ऐसी चिंता किसानों को सता रही है. इस आसमानी संकट के कारण हुए नुकसान का सर्वेक्षण कर शासन द्वारा किसानों को तुरंत मदद करने की मांग की जा रही है.

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