36 साल पुरानी ट्रैवल्स बस चल रही है सडकों पर
सादे ब्रेक की गाडी को परस्पर एअरब्रेक किया
* आरटीओ अधिकारी की अनदेखी
* संबंधित वाहन पर कार्रवाई करने की मांग
अमरावती /दि. 13– अमरावती से मोर्शी चलनेवाली एक निजी ट्रैवल्स 35 से 36 साल पुरानी रहने के बावजूद सडक पर दौड रही है. इस बस के संचालक ने आरटीओ से अनुमति न लेते हुए सादे ब्रेक की इस गाडी को एअरब्रेक के रुप में परस्पर तैयार कर लिया है. वर्षो पुरानी यह निजी ट्रैवल सडक पर दौडती रहने से यात्रियों की जान से खिलवाड होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. महेंद्र कालोनी प्रवीण मोकलकर ने प्रादेशिक परिवहन अधिकारी को कार्रवाई करने की मांग की है.
प्रवीण मोकलकर के नेतृत्व में आरटीओ को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि, एमएच 27-ए-9266 क्रमांक की 30 सीटर आसन क्षमता की यह निजी ट्रैवल्स 35 से 36 वर्ष पुरानी है. यह ट्रैवल्स अमरावती से मोर्शी मार्ग पर बगैर अनुमति के चलाई जा रही है. इस बस को 36 वर्ष पूर्ण हो जाने के कारण वह अब यात्री लेकर यातायात करने लायक नहीं है. इस कारण इस वाहन से यात्रियों की जान को खतरा निर्माण होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. शासन ने जिन वाहनों की आयु 15 वर्ष से अधिक हो गई है, ऐसे वाहन में पैसेंजर बैठाकर न चलाने का निर्णय लिया है. लेकिन यह प्रस्ताव विचाराधिन है. प्रवीण मोकलकर के मुताबिक संबंधित ट्रैवल्स किसी वानखडे बंधुओं की है. उन्होंने साधे ब्रेक के अपने वाहन को आरटीओ कार्यालय की अनुमति न लेते हुए और बीटी-बीटीआई न करते हुए परस्पर एअरब्रेक कर दिया है और खुलेआम उसे सडक पर दौडाई जा रही है. हाल ही में एसटी महामंडल की ऐसी ही एक कबाड बस की दुर्घटना भी हुई थी. साथ ही समृद्धि महामार्ग पर भी पुरानी बसों की दुर्घटनाएं हुई है. इसमें अनेक यात्रियों की मृत्यु भी हुई है. इस कारण एमएच 27-ए-9266 क्रमांक की वर्षो पुरानी बस को यातायात की अनुमति न देने की मांग मोकलकर ने की है. ज्ञापन में उन्होंने यह भी कहा है कि, यह ट्रैवल्स 1989 में पुलिस प्रशासन की नीलामी में खरीदी गई थी. अब यह बस पैसेंजर बैठाकर यातायात करनेलायक नहीं है. यात्रियों की जान से खिलवाड होता रहने से इस ट्रैवल्स में पैसेंजर बैठाकर यातायात करने में पाबंदी लगाई जाए और अनुमति न देने की मांग की गई है. ज्ञापन सौंपनेवालों में प्रवीण मोकलकर के अलावा स्वप्नील उईके, यश उईके, सुमीत रेवस्कर, सूरज ढोके सहित अन्यो का समावेश था.
* आरटीओ गिते ने की थी कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक तत्कालीन प्रादेशिक परिवहन अधिकारी गिते ने संबंधित ट्रैवल्स पर कार्रवाई करते हुए जुर्माने के साथ यातायात न करने पर पाबंदी लगा दी थी. करीबन डेढ वर्ष तक यह बस सडक पर नहीं दौड पाई थी. लेकिन उनका तबादला होते ही इस बस को फिर से सडकों पर दौडाया जा रहा है, ऐसा भी बताया गया है.