अमरावती

बाजार समिति में 360 बोगस मतदाता!

राकेश जेठानी ने जिला उपनिबंधक को लिखा पत्र

अमरावती/दि.14 – अमरावती कृषि उत्पन्न बाजार समिति के चुनाव का कार्यक्रम घोषित हो चुका है. जिसके लिए मतदाता सूची भी प्रकाशित की जा चुकी है. परंतु इस मतदाता सूची में अडत व खरीददारों के नामों में गडबडी है और करीब 360 नाम फर्जी तरीके से इस मतदाता सूची में शामिल किए गए है. जो अडत खरीददार लाइसेंस कानून के प्रावधानों का उल्लंघन है. अत: इन 360 नामों को मतदाता सूची से हटाया जाए. इस आशय का निवेदन राकेश जेठानी द्बारा जिला उपनिबंधक से किया गया है.
बाजार समिति का चुनाव घोषित होते ही मतदाता सूची तैयार करने का काम शुुरु हुआ. जो इस समय अपने अंतिम चरण में है और 24 फरवरी तक अंतिम व संशोधित मतदाता सूची तैयार करनी है. ऐसे में विगत जनवरी माह के दौरान राकेश जेठानी ने मंडी सचिव के पास अपनी शिकायत देते हुए बताया कि, इस मतदाता सूची में कुछ फर्जी नाम डाले गए है. इस शिकायत के जरिए उन्होंने कृषि उत्पन्न बाजार समिति से अनुज्ञप्ति देने के साथ-साथ नुतनीकरण हेतु मंजूर उपविधि की प्रतिलिपी मांगी. विगत 3 वर्ष से लाइसेंस नुतनीकरण होने के सॉलवंशी से संबंधित संचालक मंडल के प्रस्ताव की प्रतिलिपी भी राकेश जेठानी ने मांगी थी. यह सभी दस्तावेज बाजार समिति द्बारा राकेश जेठानी को दिए गए. जिसके आधार पर राकेश जेठानी ने मंडी समिति की मतदाता सूची में बोगस मतदाता रहने का दावा किया. उन्होंने इस संदर्भ में 13 फरवरी को जिला उपनिबंधक को निवेदन देकर सन 2020-21 के अनुसार 31 मार्च के बाद विलंब शुल्क अदा कर नुतनीकरण करवाने वाले अडतो व खरीददारों के लाइसेंस कानूनी प्रावधानों से विसंगत रहने के चलते उन्हें रद्द करने और ऐसे अडतों व खरीददारों के नाम मतदाता सूची से हटाने की मांग की.
जेठानी के अनुसार विवाद उपसमिति की सभा में कृषि उत्पन्न बाजार खरीदी-विक्री अधिनियम 1963 की धारा 7 व नियम 6 के अनुसार बाजार समिति द्बारा प्रत्येक वर्ष के लिए अनुज्ञप्ति दी जाती है. या उसका नुतनीकरण किया जाता है. परंतु तत्कालीन संचालक मंडल ने सभा में प्रस्ताव क्रमांक 6 का उल्लंघन कर कानून व नियम उपविधि से विसंगत प्रस्ताव पारित किया और अपने अधिकारों का दुरुपयोग व कानून का उल्लंघन करते हुए बोगस मतदाताओं को इस सूची में शामिल किया. नियम 6 (5) के अनुसार हर साल अनुज्ञप्ति का नुतनीकरण करना आवश्यक होता है और 31 मार्च तक बाजार समिति दंड लगा सकती है. ऐसा स्पष्ट नियम रहने के बावजूद 31 मार्च के बाद 310 से अधिक मामलों में विलंब शुल्क लगाकर अडतों व खरीददारों की अनुज्ञप्ति को हस्तांतरित किया गया. यह सीधे-सीधे कानून का उल्लंघन है. अत: ऐसे लोगों के नामों को मतदाता सूची से हटाया जाना चाहिए. राकेश जेठानी के मुताबिक फसल मंडी के धान्य विभाग में 182, कपास विभाग में 58, बडनेरा उपबाजार में 22, सागसब्जी विभाग में 60 तथा फल विभाग में 38 ऐसे कुल 360 लाइसेंस गलत तरीके से नुतनीकरण करते हुए हस्तांतरीत किए गए. जिन्हें रद्द किया जाना चाहिए और इन लाइसेंस धारकों के नामों को मतदाता सूची से हटाया जाना चाहिए.
बाजार समिति के चुनाव में खुद को अधिक मतदान मिले, इस हेतु कुछ लोगों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए बोगस मतदाता तैयार किए है. ऐसे बोगस मतदाताओं की संख्या 360 के आसपास है. अत: पूरे मामले की जांच करते हुए ऐसे बोगस मतदाताओं के नामों को मतदाता सूची से हटाया जाना चाहिए. ऐसी मांग हमने जिला उपनिबंधक से की है.

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