अमरावती

38 प्रतिशत नागरिकों का टीकाकरण नहीं हुआ

अब तक 18,40,363 नागरिकों ने लगवाया टीका

अमरावती/दि.13 – जिले में 18,40,353 नागरिकों का टीकाकरण हुआ है. जिले की लोकसंख्या 30 लाख के करीब है. यानि 38 प्रतिशत नागरिकों ने अब तक टीका नहीं लगवाने की बात स्पष्ट हुई है. इस कारण टीकाकरण की गति बढ़ाने के लिए प्रशासन व्दारा कड़े कदम उठाये जाएंगे. कड़े निर्बंध लगाने पर टीका न लेने वाले नागरिकों को घर से बाहर निकलना मुश्किल होने वाला है.
सामूहिक प्रतिकारशक्ति के लिए टीकाकरण प्रभावी उपाय योजना है. इसके लिए 30 तारीख के भीतर शत-प्रतिशत टीकाकरण के लिए प्रशासन की दौड़धूप शुरु है. मिशन कवचकुंडल अभियान समाप्त होने के बाद अब हर घर दस्तक अभियान चलाया जाएगा. इसके लिए टीकाकरण शिविर शुरु है. बावजूद इसके स्लम एरिया में ध्यान केंद्रीत कर प्रत्येक घर में आशा सेविकाओं व्दारा टीकाकरण होने संबंधी जांच की जा रही है.

अब तक टीकाकरण हुआ

वर्गवारी                     पहला डोज    दूसरा डोज
हेल्थ केअर वर्कर            22,754         19,294
फ्रंटलाइन वर्कर              45,878         31,085
18 से 44 आयु उम्र         5,75,075      1,87,006
45 से 59 आयु उम्र         3,42,317      1,91,884
60 वर्ष से अधिक           2,63,224       1,61,836

टीका नहीं, प्रवेश नहीं

शासकीय कार्यालय : विविध योजनाओं का लाभ लेने के लिए टीकाकरण के दोनों डोज लेने का प्रमाण पत्र अनिवार्य किया जाएगा. शासनस्तर पर इस बारे में मंथन शुरु होने की जानकारी है.
महाविद्यालय : दोनों डोज लेने वाले पालकों के पाल्यों को ही अब महाविद्यालय में प्रवेश दिये जाने की जानकारी है.
कर्मचारियों का वेतन रुकेगा : शासकीय कर्मचारियों को कोरोना प्रतिबंधक टीका लेना अनिवार्य किये जाने की जानकारी है. ओइस बारे में सख्ती नहीं की जाएगी. ऐसा संगठना ने कहा है.

दिक्कतें क्या है?

जिले में कोरोना का संसर्ग दो महीने बाद कम हुआ है. इस कारण नागरिकों में निर्माण हुए कोरोना का भय अब कम हुआ है. बावजूद इसके सर्वत्र सहज प्रवेश है. कही भी निर्बंध नहीं, इसका सबसे अधिक असर टीकाकरण अभियान पर होने की जानकारी स्वास्व्थ्य विभाग ने दी, इससे पूर्व दूसरी लहर में अलसुबह से ही टीकाकरण केंद्र पर कतारें लगती थी.

मौत का भय नहीं लगता क्या?

जिले में अब तक 1,567 नागरिकों की कोरोना संसर्ग से मृत्यु हुई है. इनमें 1,260नागरिकों की मृत्यु कोरोना की दूसरी लहर में हुई है. टीकाकरण के बाद संसर्ग होने पर तबियत गंभीर नहीं होते दिखाई दिया. इस कारण टीका न लेने वालों को मृत्यु का भय नहीं लगता क्या? ऐसा प्रश्न उपस्थित हुआ है.

Related Articles

Back to top button