अमरावती

जिले में 384 लोगों के पास हैं लाइसेंसी हथियार

आत्मसंरक्षण व फसलों की रक्षा के लिए होती है मांगे

* हथियार रखने वालों में पूर्व पार्षदों में महिलाओं का भी समावेश
अमरावती/ दि.19 – जिले में आत्मरक्षा व फसलों की रक्षा जैसे कारणों के चलते 384 लोगों के पास पिस्तौल व बंदूक का लाईसेंस है. जिनमें शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में दो महिलाओं ने भी हथियार का लाइसेंस निकाल रखा है, ऐसी जानकारी जिला प्रशासन व्दारा दी गई है.
बता दे कि, पुलिस आयुक्तालय परिसर में पुलिस आयुक्त व्दारा हथियारों का लाइसेंस दिया जाता है. जिनके जरिये अमरावती शहर में 300 से अधिक लोगों ने हथियारों के लाइसेंस प्राप्त किये. जिनमें कुछ जनप्रतिनिधि, नगरसेवक व उद्योजकों के साथ ही कुछ महिलाओं का समावेश है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में हथियारों के लाइसेंस जिला दंडाधिकारी व्दारा जारी किये जाते है. जहां से 101 नागरिकों ने आत्मरक्षा के लिए तथा 208 नागरिकों ने फसलों की सुरक्षा के लिए पिस्तौल व बंदूक के लाइसेंस हासिल किये है. जिनमें मोर्शी व वरुड तहसील की एक-एक महिला का भी समावेश है. ज्ञात रहे कि, हथियारों ेके लाइसेंस का प्रति वर्ष आवश्यक दस्तावेजों के जरिये नूतनीकरण किया जाता है और प्रत्येक चुनाव के समय यह हथियारों को प्रशासन व्दारा जमा भी कर लिया जाता है. इस समय स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की प्रक्रिया चल रही है. परंतु इस चुनाव में अथियार जमा नहीं किये जाते, ऐसी जानकारी निवासी उपजिलाधीश विवेक घोडके व्दारा दी गई.
जहां हर साल पहले जारी किये गए हथियारों के लाइसेंस का नूतनीकरण कराना आवश्यक होता है. इसके लिए लाइसेंस धारकों व्दारा संबंधित विभाग के पास आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन किया जाता है. वहीं दूसरी ओर हर साल हथियार रखने हेतु नए लाइसेंस प्राप्त होने के लिए भी पुलिस आयुक्तालय व जिला प्रशासन के पास कई आवेदन प्रस्तुत होते है. जिनकी संबंधित महकमे व्दारा बेहद कडाई के साथ जांच पडताल की जाती है.

दो से तीन माह का लगता है समय
जिला प्रशासन के पास आवेदन करने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाती है व साधारण तौर पर दो से तीन माह की अवधि में संबंधितों को हथियार का लाइसेंस प्रदान किया जाता है.

लाइसेंस के लिए अधिकारी भी इच्छूक
विशेष उल्लेखनीय है कि, सरकारी सेवा में रहने वाले कई अधिकारियों के पास लाइसेंसी हथियार है. साथ ही कई अधिकारी हथियारों का लाइसेंस प्राप्त करने के इच्छूक है. जिन्होंने प्रशासन के पास आवश्यक दस्तावेजों के साथ लाइसेंस मिलने के लिए आवेदन कर रखा है.

कैसे मिलता है हथियार का लाइसेंस
हथियार क्यों चाहिए इसकी वजह दर्ज करते हुए लाइसेंस के लिए आवश्यक दस्तावेजों के साथ जिला दंडाधिकारी के पास आवेदन करना होता है.
फसल सुरक्षा के लिए लाइसेंस चाहिए होने की स्थिति में वन विभाग के प्रमाण पत्र की भी जरुरत रहती है.
सभी दस्तावेजों को शहर पुलिस आयुक्त या जिला पुलिस अधिक्षक के पास जांच हेतु भेजा जाता है. जिसके उपरांत लाइसेंस देने के प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है.

लाइसेंस धारक महिलाएं बढी
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में हथियारों के 384 लाइसेंस जारी किये गए है. जिनमें दो महिलाओं का भी समावेश है.
इन महिलाओं में से एक महिला मोर्शी तहसील की उद्योजक परिवार से है. वहीं दूसरी महिला के पति वरुड तहसील की राजनीति में काफी सक्रिय है. इसके अलावा अमरावती शहर में उद्योग क्षेत्र से संबंधित कुछ महिलाओं के पास हथियारों के लाइसेंस है.

कौन से दस्तावेज है जरुरी
निर्धारित प्रारुप की तीन प्रतिलिपियों में आवेदन करना होता है. जिसमें हथियार का लाइसेंस प्राप्त करने की जरुरत और वजह को दर्ज करना अनिवार्य रहता है.
सिक्युरिटी के लिए प्रमाणपत्र व 100 रुपए के मुद्रांक पर हलफनामा देना होता है.
सरकारी अस्पताल से जारी स्वास्थ्य प्रमाणपत्र के साथ ही आधार कार्ड, टीसी, पैन कार्ड व मतदाता पहचान पत्र.
इलेक्ट्रीक बिल, पानी का बिल तथा वनविभाग का प्रमाणपत्र.

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