अमरावती

384 महाविद्यालय अनुमति की प्रतीक्षा में

विवि ने संभागीय आयुक्त को लिखा पत्र

  • 15 फरवरी से शुरू होनेवाले है कालेज

  • तमाम तैयारियां व नियोजन युध्दस्तर पर

अमरावती प्रतिनिधि/दि.7 – उच्च व तंत्रशिक्षा विभाग ने आगामी 15 फरवरी से सभी महाविद्यालयों को शुरू करने का निर्णय लिया है. जिसके चलते संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ ने खुद से संलग्नित 384 महाविद्यालयों के लिए संभागीय आयुक्त को पत्र लिखकर अनुमति मांगी है.
बता दें कि, इस समय अकृषि विद्यापीठों व महाविद्यालयों में प्रत्यक्ष शिक्षा शुरू करने की नीति चलायी जा रही है. विद्यार्थियो का शैक्षणिक नुकसान न हो, इस बात की ओर ध्यान देते हुए आगामी 15 फरवरी से 50 प्रतिशत विद्यार्थियों की उपस्थिति के साथ महाविद्यालय शुरू होंगे. इसमें अंतिम वर्ष व अंतिम सत्र की पढाई को विशेष प्राधान्य दिया जायेगा. साथ ही कोरोना संक्रमण की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सभी विद्यार्थियों व प्राध्यापकों की सुरक्षा को पहली प्राथमिकता दी जायेगी. महाविद्यालयों में भीडभाड न हो, इस बात की ओर विशेष तौर पर ध्यान देते हुए मास्क एवं सोशल डिस्टंसिंग के नियमोें का कडाई के साथ पालन करवाया जायेगा और सभी विद्यार्थियों की थर्मल स्कैनिंग व ऑक्सिमीटर जांच अनिवार्य तौर पर की जायेगी. इसके साथ ही कॉलेज शुरू होने से पहले सभी प्राध्यापकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियोें की अनिवार्य तौर पर कोविड टेस्ट करवायी जायेगी. साथ ही सर्दी-खांसी व बुखार रहनेवाले किसी भी विद्यार्थी को महाविद्यालय में प्रवेश नहीं दिया जायेगा. सभी शिक्षा संस्था संचालकों हेतु 5 नवंबर 2020 को युजीसी द्वारा जारी किये गये नियमों का पालन करना अनिवार्य किया गया है. इसके साथ ही कोविड-19 को लेकर केंद्र एवं राज्य सरकार की ओर से जारी दिशानिर्देशों का भी अनिवार्य तौर पर पालन करना होगा.

  • विभागीय आयुक्त के मार्गदर्शन पश्चात निर्णय

उल्लेखनीय है कि, इन दिनों अमरावती संभाग में कोरोना संक्रमण बडी तेज गति से बढ रहा है, ऐसे में कोरोना संक्रमित मरीजो व स्थानीय परिस्थितियो का जायजा लेकर ही सभी जिलो में महाविद्यालय शुरू किये जायेंगे. यद्यपि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा राज्य में महाविद्यालयों को 15 फरवरी से शुरू करने का निर्णय लिया गया है. लेकिन इसके बावजूद इस मामले में संभागीय आयुक्त पीयूष सिंह का मार्गदर्शन महत्वपूर्ण रहेगा. ऐसे में संभागीय आयुक्त की ओर से गाईडलाईन आने के बाद ही महाविद्यालय शुरू करने का निर्णय लिया जायेगा. ऐसी जानकारी कुलसचिव डॉ. तुषार देशमुख द्वारा दी गई.

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