राजकमल पर हिन्दू जागृति समिति का जोरदार प्रदर्शन
महिलाओं ने भी लहराए प्ले कार्ड, लगाए नारे

*कश्मीर में 26 पर्यटकों की नृशंस हत्या की तीव्र निंदा !
*पहलगाम में हिंदू पर्यटकों पर जिहादी हमला
अमरावती/दि.28-उरी, पठानकोट, पुलवामा जैसे आतंकवादी हमलों का करारा जवाब देने के बावजूद, कश्मीर में इस प्रकार के हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. यह बात एक बार फिर स्पष्ट हो गई है, कश्मीर के पहलगाम में हुए इस भीषण आतंकी हमले से वहां आतंकवादियों ने भारतीय पर्यटकों का धर्म पूछकर 26 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी. इस हमले में एक नवविवाहित महिला के सामने ही उसके पति को मार दिया गया. यह घटना केवल आतंकियों की क्रूरता ही नहीं, बल्कि भारत की संप्रभुता और हिंदू समाज पर हुआ एक सीधा हमला है. यह जिहादी आक्रमण, कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार का ही अगला चरण है. इस पर केवल निंदा न करते हुए, भारत सरकार को चाहिए कि वह इन जिहादी आतंकियों और उनके भारत में मौजूद समर्थकों के खिलाफ ऐसी कठोर सैन्य कार्रवाई करे, जो उनके लिए आजीवन सबक बन जाए – ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति ने राजकमल चौक पर आयोजित आंदोलन के माध्यम से की. इस समय हिंदू जनजागृति समिति समन्वयक श्री नीलेश टवलारे बोल रहे थे !
इस हमले में मारे गए 26 पर्यटक देश के विभिन्न राज्यों से थे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आतंकवादियों का उद्देश्य पूरे देश में दहशत फैलाना था. हत्या के जो वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही हैं, वे देखकर लगता है कि यह क्रूरता मानवता को भी शर्मसार करने वाली है. पिछले कुछ समय से हिंदू व्यवसायियों, कर्मचारियों और कश्मीरी हिंदुओं पर लगातार हमले हो रहे हैं. केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को हटाकर कश्मीर को भारतीय संविधान की पूर्ण रूपरेखा में लाया, चुनाव कराए, विकास के प्रयास किए. फिर भी आतंकी गतिविधियाँ थमने का नाम नहीं ले रहीं.
ऐसे भयानक आतंकी हमले स्थानीय लोगों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं हैं. वर्ष 1990 में 90,000 हिंदुओं की हत्या और साढ़े चार लाख कश्मीरी हिंदुओं का जबरन पलायन इसी षड्यंत्र के तहत किया गया था. अब हो रहे ये हमले उसी साजिश की अगली कड़ी हैं. अतः इस हमले में कौन-से संगठन, नेता या जिहादी आतंकी शामिल हैं, यह पता लगाकर उनके खिलाफ ’आतंकवाद विरोधी कानूनों’ के अंतर्गत कठोर कार्रवाई कर उन्हें स्थायी सबक सिखाया जाना चाहिए ऐसी मांग समिति ने की है. इसके साथ ही समिति ने यह भी मांग की कि, कश्मीर घाटी में व्यापक ’कॉम्बिंग ऑपरेशन’ चलाकर आतंकियों का संपूर्ण खात्मा किया जाए. जिन इलाकों से बार-बार आतंकी हमले हो रहे हैं, वहां स्थायी सैन्य ठिकाने बनाए जाएं. कश्मीर में बचे हुए हिंदू पर्यटकों, व्यवसायियों और कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा हेतु विशेष सुरक्षा योजना लागू की जाए.