आज से एड्स नियंत्रण माह
अमरावती-/दि.1 शासकीय स्वास्थ्य यंत्रणा की तरफ से उपलब्ध नि:शुल्क औषधोपचार और स्वयंसेवी संस्था की सहायता से लगतार जनजागरण और प्रभावी लोकशिक्षण के कारण पिछले 15 साल से जिले के एचआईवी संक्रमण दर में कमी आई हैं. इसी कारण एड्स नियंत्रण सोसायटी की तरफ से इस दफा ‘समानता’ इस घोषवाक्य के साथ आज से जिले में विश्व एड्स नियंत्रण माह मनाना शुरु किया गया हैं.
इस संपूर्ण माह में जिले की विविध सामाजिक व स्वयंसेवी संस्था की तरफ से जनजागरण पर आधारित विभिन्न उपक्रम चलाए जाने वाले हैं. ‘समानता’ यह घोषवाक्य लेकर एड्स नियंत्रण सोसायटी की तरफ से संपूर्ण जिले में विश्व एड्स नियंत्रण माह मनाया जा रहा हैं. इस निमित्त गुरुवार को सुबह 8 बजे जिला अस्पताल से जनजागरण रैली निकाली गई. इसी तरह 3 दिसंबर को पब्लिक फोरम कार्यक्रम में स्वास्थ्य कर्मचारी और नागरिकों के लिए मार्गदर्शन पर कार्यक्रम होंगे. निजी वैद्यकीय व्यवसायिकों के लिए कार्यक्रम, पथनाट्य, पोस्टर आदि विविध स्पर्धा ली जाने वाली हैं. प्रभावी शिक्षा, उपचार और सुरक्षित साधनों की उपलब्धता के कारण संक्रमण दर में कमी आने की जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी अजय साखरे ने दी.
एचआईवी नियंत्रण व उपचार के लिए जिले में जिला सामान्य अस्पताल, जिला महिला अस्पताल, एक वैद्यकीय महाविद्यालय, 4 उपजिला अस्पताल, 9 ग्रामीण अस्पताल, 60 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 1 क्षयरोग उपचार अस्पताल, 59 निजी अस्पताल, 2 गुप्तरोग केंद्र, 1 शासकीय रक्तपेढी, 4 निजी रक्तपेढी आदि यंत्रणा काम करती हैं. इन सभी स्थानों पर एड्स विषयक जानकारी व एचआईवी जांच की नि:शुल्क सुविधा दी जाती हैं. नि:शुल्क उपचार के लिए शासकीय उपजिला, ग्रामीण अस्पताल में एआरटी केंद्र भी शुरु हैं. संक्रमितों को एआटी उपकेंद्रों में पहुंचाकर आवश्यक जांच, सीडी-फोर जांच और नि:शुल्कोपचार शुुरु हैं.
वर्ष 2007-08 से एड्सबाधितों की संख्या इस तरह कम हुई
वर्ष 2007-08 में 10 हजार 812 व्यक्तियों की जांच की गई. इसमें 543 व्यक्ति बाधित पाए गए. यह प्रमाण 5.02 प्रतिशत था. जांच केंद्र और जांच की संख्या बढाई गई. वर्ष 2012-13 में 43 हजार 337 व्यक्तियों की जांच में 741 व्यक्ति बाधित पाए गए. यह प्रमाण 1.71 प्रतिशत था. वर्ष 2017-18 में 1 लाख 30 हजारव 255 व्यक्तियों की जांच में 388 व्यक्ति बाधित पाए गए. यह प्रमाण 0.30 प्रतिशत था. वर्ष 2021-22 में 1 लाख 36 हजार 189 लोगों की जांच में 246 व्यक्ति बाधित पाए गए. यह प्रमाण 0.18 प्रतिशत हैं.