चांदूर बाजार में 4 दशकों का रिकार्ड टूटा
पहली बार फसल मंडी की सभी सीटों पर एक ही पैनल का कब्जा
विधायक बच्चू कडू के इर्द-गिर्द केंद्रीत रहा फसल मंडी का चुनाव
चांदूर रेल्वे /दि.4- हाल ही में स्थानीय कृषि उत्पन्न बाजार समिति के 18 सदस्यीय संचालक मंडल का चुनाव करने हेतु निर्वाचन प्रक्रिया पूरी हुई. जिसमें क्षेत्र के निर्दलिय विधायक बच्चू कडू के शेतकरी पैनल ने भाजपा, कांग्रेस व राकांपा इन तीन दलों द्बारा साथ मिलकर खडे किए गए सहकार पैनल का सुपडा साफ करते हुए फसल मंडी की सभी 18 सीटों पर शानदार जीत हासिल की. फसल मंडी के विगत 4 दशकों के इतिहास में पहली बार किसी एक पैनल के सभी 18 सदस्य संचालक चूने गए है. ऐसे में विधायक बच्चू कडू के नेतृत्ववाले पैनल की इस जीत को बेहद ऐतिहासिक कहा जा सकता है.
बता दें कि, 24 मई 1974 को चांदूर बाजार में कृषि उत्पन्न बाजार समिति की स्थापना हुई थी. किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए शुरु की गई इस बाजार समिति पर अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए शुरुआत से ही यहां पर सभी चुनाव बेहद रामांचक होते रहे. उल्लेखनीय यह भी है कि, पहले इस बाजार समिति के पास बैल बाजार, अनाज मंडी, सब्जी व फल बाजार जैसे आय के अनेकों स्त्रोत हुआ करते थे. लेकिन अब केवल अनाज मंडी व बैल बाजार के दम पर ही बाजार समिति का कामकाज चल रहा है.
राजनीतिक तौर पर हमेशा ही चर्चाओं में रहने वाले चांदूर बाजार तहसील के सहकार क्षेत्र में पहले से ही दिग्गज नेताओं की भरमार रही. इससे पहले इस बाजार समिति में निंभोरकर, जवंजाल, देशमुख, राउत, लंगोटे, मोहोड व इंगोले जैसे दिग्गज सहकार नेताओं ने कई वर्षों तक राज किया और आज भी उनके पारिवारिक सदस्य व रिश्तेदार बाजार समिति के संचालक पद का चुनाव लडते है. इस सहकार क्षेत्र में अलग-अलग गुटों वाली राजनीतिक के चलते कई बार काटे का मुकाबला होता रहा है और हर बार किसी ना किसी गुट ने बहुमत के आधार पर चांदूर बाजार फसल की सत्ता हासिल की. लेकिन विगत 40 वर्ष के इतिहास में पहली बार किसी एक पैनल को फसल मंडी समिति की सभी 18 सीटें मिलने के साथ ही एकतरफा जीत व एकछत्र सत्ता प्राप्त हुई है.
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* विधायक कडू व शेतकरी पैनल ने रचा इतिहास
पूर्व राज्यमंत्री व विधायक बच्चू कडू के शेतकरी पैनल ने चांदूर बाजार फसल मंडी के चुनाव में 16 प्रत्याशी खडे किए थे और 2 निर्दलिय प्रत्याशियों को अपना समर्थन दिया था. यह सभी 18 प्रत्याशी मंडी के चुनाव में बहुमत के साथ विजयी हुए. साथ ही चुनावी नतीजा घोषित होते ही दोनों निर्दलिय विजेता प्रत्याशियों ने प्रहार पार्टी समर्थित शेतकरी पैनल की सत्ता को अपना समर्थन देने की घोषणा की. इसके साथ ही प्रहार पार्टी और शेतकरी पैनल ने विगत 4 दशकों में पहली बार बाजार समिति की पूरी सत्ता को काबिज किया और एक तरह से चांदूर बाजार फसल मंडी ने एक नया इतिहास रच दिया.