अमरावतीमहाराष्ट्र

नये साल में 4 ग्रहण, 11 उल्का वर्षा और सुपर मून

नववर्ष में खगोलिय घटनाओं की रहेगी रेलमपेल

* आकाश निरीक्षण प्रेमियों को मिलेंगे शानदार मौके
अमरावती /दि.26– अनंत तक फैले ब्रह्मांड में अनगिनत खगोलिय घटनाएं घटित होती रहती है. जिन्हें लेकर सभी में अच्छी खासी उत्सुकता भी रहती है और आकाश निरीक्षण प्रेमियों द्वारा ऐसी घटनाओं का हमेशा ही निरक्षण किया जाता है. आगामी वर्ष 2025 में ऐसी कई खगोलिय घटनाएं घटित होंगी. जिन्हें लेकर आकाश निरीक्षण प्रेमियों में अभी से उत्सुकता देखी जा रही है. वर्ष 2025 में 2 चंद्रग्रहण, 2 सूर्यग्रहण, 11 उल्का वर्षा, सुपर मून, धूमकेतू, ग्रहों का उदय व अस्त्र, ग्रहों व तारों की युति-प्रतियूति तथा राशि भ्रमण जैसी कई खगोलिय घटनाएं घटित होने वाली है. जिनके निरीक्षण का मौका आकाश निरीक्षण प्रेमियों को मिलने वाला है. ऐसी जानकारी मराठी विज्ञान परिषद के प्रवीण गुल्हाने तथा वरिष्ठ खगोल अभ्यासक विजय गिरुलकर द्वारा दी गई है.

* प्रकाश उत्सव
टूटने वाले तारों के स्वरुप में दिखने वाली विविध रंगी उल्का वर्षा नववर्ष के प्रारंभ में 3 जनवरी को ही होगी. जिसके उपरान्त 22 अप्रैल, 5 मई, 8 जुलाई, 12 व 13 अगस्त, 5, 12 व 17 नवंबर तथा 14 व 22 दिसंबर की रात भी आसमानी दीपावली को देखा जा सकेगा.

* युति-प्रतियुति
चंद्र एवं अन्य ग्रहों की युति प्रतिमाह घटित होती है. साथ ही ग्रहों के बीच होने वाली युति भी अनोखी अनुभूति रहती है. आगामी 18 जनवरी को पश्चिम दिशा में शुक्र व शनि, 25 फरवरी को बुध व शनि, 11 मार्च को बुध व शुक्र, 10 व 25 अप्रैल को बुध व शनि एवं शुक्र व शनि, 8 जून को बुध व गुरु तथा 14 अगस्त को गुरु व शुक्र एक-दूसरे के बेहद पास दिखाई देंगे.

* 7 सितंबर को खग्रास चंद्रग्रहण
– नये साल में सूर्य एवं चंद्र के 2-2 यानि कुल 4 ग्रहण होने वाले है. जिसमें से 7 सितंबर को होने वाला खग्रास चंद्रग्रहण ही करीब साढे तीन घंटे तक भारत से देखा जा सकेगा.
– इसके अलावा 14 मार्च को होने वाला खग्रास चंद्रग्रहण तथा 29 मार्च व 21 सितंबर को होने वाला खंडग्रास सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा.

* पृथ्वी के करीब आएगा चांद
– पूर्णिमा की तिथि पर चांद पृथ्वी के काफी करीब आता है. उस समय चंद्रबिंब का आकार कुछ बडा और अधिक प्रकाशित दिखाई देता है. ऐसी स्थिति इस वर्ष 7 अक्तूबर, 5 नवंबर व 5 दिसंबर की रात बनेगी.
– इसमें से कार्तिक पूर्णिमा को पूरे सालभर के दौरान सबसे अधिक बडा व अधिक प्रकाशमान चांद दिखाई देगा.
– ज्ञात रहे कि, सूरज के चारों ओर लंब वर्तुलाकार परिक्रमा करते समय पृथ्वी व चांद के बीच दूरी घटती व बढती रहती है. आगामी 4 जनवरी को यह दूरी 14 करोड 70 लाख किमी रहेगी. जो 4 जुलाई को बढकर 15 करोड 20 लाख किमी हो जाएगा.

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