अमरावती

ऐन दीपावली पर विदर्भ में 4 किसानों ने की आत्महत्या

धामणगांव तहसील के तीन व यवतमाल के एक किसान ने लगाया मौत को गले

अमरावती/दि.14– बेमौसम बारिश व सिंचाई के अभाव की वजह से फसलों को होने वाले नुकसान से चिंतित तथा सिर पर लगातार बढते कर्ज के बोझ से परेशान रहने के चलते ऐन दीपावली के समय आत्महत्या हेतु कुख्यात पश्चिम विदर्भ में अलग-अलग स्थानों पर 4 किसानों ने आत्महत्या कर ली. जिसमें से धामणगांव रेल्वे तहसील के चिंचपुर, तलनी व तिवरा गांव तथा यवतमाल जिले के रामनगर यावली में रहने वाले किसानों ने अपने ही हाथों मौत को गले लगा लिया.

* 40 वर्षीय किसान ने गटका जहर
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक धामणगांव रेलवे तहसील के चिंचपुर में 40 वर्षीय युवा किसान सुनील मधुकर कारेकार ने घर में जहर पीकर आत्महत्या कर ली. उसे तत्काल अमरावती के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. मगर उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. सुनील कारेकार 5 एकड़ खेती के भरोसे अपना व अपने परिवार का निर्वाह करता था. पिछले अनेक वर्षों से लगातार फसल बर्बादी के कारण बैंक के कर्ज का बोझ बढ़ गया था. इसी चिंता में सुनील ने घर में 2 दिन पूर्व जहर गटक लिया. पहले उसे जिला सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. बाद में निजी अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन सोमवार 13 नवंबर को सुबह सुनील कारेकार की मौत हो गई. वह अपने पीछे पत्नी, 2 बेटे समेत भरापूरा परिवार शोकाकुल छोड़ गया है.

* रमेश कोरचे ने कुएं में कूदकर दी जान
इसी तरह धामणगांव रेलवे तहसील के तलनी में 47 वर्षीय आदिवासी किसान रमेश कोरचे ने दिवाली के दूसरे दिन सोमवार को सुबह सार्वजनिक जलापूर्ति के कुएं में कुदकर आत्महत्या कर ली. सोमवार को सुबह से उसके दोनों बेटे उसकी तलाश कर रहे थे. तब कुएं के पास उनकी जर्कीन मिलने से आत्महत्या किये जाने की बात सामने आई. रमेश की पत्नी की 2 वर्ष पूर्व बीमारी के मौत हो गई थी. कक्षा 9वीं और 12वीं में पढ़ रहे दोनों बेटों के साथ रमेश अपने परिवार का निर्वाह कर रहा था. 2 एकड़ के खेत के भरोसे खर्चा चलाता था, लेकिन पिछले 3 वर्षों से लगातार फसल बर्बादी और बैंक का कर्ज बढ़ने के कारण चिंता में था. गांव की उपसरपंच विशाल भैसे ने बताया कि फसल बर्बादी और बैंक के कर्ज की चिंता में रमेश कोरचे ने कुएं में कुदकर आत्महत्या की.

* तिवरा में देवानंद उमाले ने लगाई फांसी
इसी तरह धामणगांव रेलवे तहसील के तिवरा में 45 वर्षीय देवानंद समाधान उमाले ने सोमवार 13 नवंबर को दोपहर 4.30 बजे अपने घर में फांसी लगा ली. आत्महत्या का कारण ज्ञात नहीं हो सका है. देवानंद उमाले खेतीहर मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था. दिवाली के दूसरे दिन देवानंद ने घर में नॉयलान की रस्सी से फांसी लगा ली. तलेगांव दशासर पुलिस ने पंचनामा कर लाश को पोस्टमार्टम के लिये भिजवा दिया. उसकी आत्महत्या से तिवरा गांव में शोक व्याप्त है.

* जहर गटकने वाले किसान की इलाज के दौरान मौत
इसके अलावा यवतमाल जिले के रामनगर यावली में रहने वाले दिलीप नागा चव्हाण (58) ने करीब 10 दिन पहले जहर गटककर आत्महत्या करने का प्रयास किया था. जिसकी ऐन दीपावली वाले दिन इलाज के दौरान मौत हो गई. पता चला है कि, अतिवृष्टि के चलते दिलीप चव्हाण के खेत में कपास की फसल बर्बाद हो गई थी और वह बुआई व दुताई का खर्च निकाल पाने में भी नाकाम था. जिससे परेशान होकर दिलीप चव्हाण ने जहर गटक लिया था.

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