अमरावती

जिले में कोरोना टेस्टिंग पर रोजाना 4 लाख रूपयों का खर्च

निजी लैब में देने पडते है 900 से 1000 रूपये

अमरावती/दि.31 – इस समय अमरावती जिले में दो प्रयोगशालाओं में कोविड संक्रमण की स्थिति जानने हेतु आरटीपीसीआर टेस्ट की जाती है. जिसमें से डॉ. पंजाबराव देशमुख स्मृति मेडिकल कॉलेज की कोविड टेस्ट लैब निजी प्रयोगशाला है. जहां पर रोजाना करीब 400 सैम्पलों की जांच होती है. जिसके लिए प्रति सैम्पल 900 रूपये से 1000 रूपये का शुल्क वसूला जाता है. यानी निजी कोविड टेस्ट लैब में आरटीपीसीआर जांच करवाने हेतु अमरावती जिलावासियों को रोजाना 4 लाख रूपये खर्च करने पड रहे है.
बता दें कि, अमरावती जिले में जनवरी माह से कोविड संक्रमण ने दुबारा रफ्तार पकडनी शुरू कर दी. ऐसे में कोरोना टेस्टिंग की संख्या में भी वृध्दि हुई. जिले में आरटीपीसीआर टेस्ट करने की सुविधा दो प्रयोगशालाओं में उपलब्ध है. जिसमें से संत गाडगेबाबा अमरावती विश्वविद्यालय में स्थापित कोविड टेस्ट लैब पूरी तरह से सरकारी है. जहां पर थ्रोट स्वैब सैम्पलों की जांच हेतु मरीजों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता. वहीं पीडीएमसी में निजी कोविड टेस्ट लैब स्थापित की गई है. इसके अलावा कुछ सैम्पल नागपुर के निजी कोविड टेस्ट लैब में भी जांच हेतु भेजे जाते है. जिले में इस समय रोजाना 3 से 4 हजार थ्रोट स्वैब सैम्पलों की जांच की जा रही है. जिसमें काम का सर्वाधिक बोझ विद्यापीठ की कोविड टेस्ट लैब पर है.
ज्ञात रहें कि, जिले में विगत मई माह के दौरान सरकारी कोविड टेस्ट लैब को अमरावती विद्यापीठ में कार्यान्वित किया गया था. इससे पहले अमरावती से थ्रोट स्वैब सैम्पलों को जांच हेतु नागपुर व अकोला सहित वर्धा के सरकारी प्रयोगशाला में भिजवाया जाता था. जहां से रिपोर्ट आने में काफी समय लगा करता था. इसके साथ ही दिपावली पर्व के आसपास पीडीएमसी में भी कोविड टेस्ट लैब शुरू की गई. जहां पर थ्रोट स्वैब भी संकलित किये जाते है. इसके अलावा शहर की कई प्रयोगशालाओं द्वारा कोविड संदेहित मरीजों के थ्रोट स्वैब सैम्पल लेकर उन्हें जांच हेतु पीडीएमसी की लैब में भेजा जाता है. जहां पर आरटीपीसीआर टेस्ट हेतु साधारणत: 900 रूपयों से 1000 रूपये का शुल्क लिया जाता है. वहीं स्वैब संकलन करनेवाली निजी पैथोलॉजी लैब द्वारा मरीजों से इस काम हेतु 1 हजार से 1100 रूपये का शुल्क वसूला जाता है.

निजी लैब में रैपीड एंटीजन टेस्ट पर प्रतिबंध

जिले की निजी पैथोलॉजी लैब में रैपीड एंटीजन टेस्ट किये जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. पहले जिले की 11 निजी पैथोलॉजी लैब में कोविड संदेहित मरीजों की रैपीड एंटीजन टेस्ट की जाती थी. जिसके लिए मरीजों से 500 से 700 रूपये का शुल्क लिया जाता था. किंतु इन लैब द्वारा आयसीएमआर के पोर्टल पर नियमित तौर पर जानकारी अपलोड नहीं की जाती थी और कुछ अनियमितताएं भी होती थी. जिसके मद्देनजर जिलाधीश शैलेश नवाल ने निजी पैथोलॉजी लैब में कोविड टेस्ट करने पर प्रतिबंध लगा दिया.

जिले में अब तक 3,12,566 सैम्पलों की जांच

जिले में अब तक आरटीपीसीआर टेस्ट के जरिये 3 लाख 12 हजार 566 सैम्पलों की जांच की गई है. जिसमें विद्यापीठ की लैब द्वारा 1 लाख 47 हजार 753, पीडीएमसी की लैब द्वारा 8 हजार 572 तथा अन्य निजी कोविड लैब द्वारा 17 हजार 437 सैम्पलों की जांच की गई.

  • 1,73,762 – अब तक हुई आरटीपीसीआर टेस्ट
  • 1,47,753 – सरकारी लैब में हुई टेस्ट
  • 26,009 – निजी लैब में हुई टेस्ट
  • 1,37,643 – अब तक हुई रैपीड एंटीजन टेस्ट

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