अमरावती

फैन्सी नंबर प्लेट के लिए 4 हजार वाहन चालकों को दंड, फिर भी नहीं सुधर रहे लोग

यातायात पुलिस अब छेडेगी अभियान

अमरावती/दि.16– शहर यातायात पुलिस ने विगत 10 माह के दौरान करीब 4 हजार वाहन चालकों को फैल्सी नंबर प्लेट लगाने को लेकर ई-चालान जारी किया है. परंतु इसके बावजूद फैल्सी नंबर प्लेट लगाने की प्रवृत्ति पर लगाम नहीं लग पायी है.
बता दें कि, लोगबाग अपने वाहन के नंबरों को अजीबो-गरीब ढंग से लिखते हुए दादा (4141), भाउ (4113), शरद (2124), पवार (4912) जैसे अंक लिखते है. साथ ही इन दिनों कई नंबर प्लेट पर सोलो (5010) लिखने की भी प्रवृत्ति बढ रही है. इसके अलावा नंबर प्लेट पर कुछ भी अन्य लिखना स्वीकार्य नहीं रहने के बावजूद कई लोग अपने वाहनों के नंबर प्लेट पर ‘पुलिस’, ‘प्रेस’, ‘मिल्ट्री’ जैसे शब्दों सहित कुछ जाति सूचक शब्द भी उकेरते है. ऐसे फैन्सी नंबर प्लेट वाले वाहनों के खिलाफ यातायात पुलिस द्वारा अक्सर ही कार्रवाई की जाती है. परंतु इसके बावजूद भी लोग अपने वाहनों पर फैन्सी नंबर प्लेट लगाने की आदत से बाज नहीं आ रहे.

* क्या कहता है नियम?
मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार प्रत्येक वाहन के अगले व पिछले हिस्से में स्पष्ट तौर पर दिखाई देने वाला वाहन क्रमांक अंकित रहना बेहद अनिवार्य है. साथ ही नंबर प्लेट पर लिखे सभी अक्षर व अंक पूरी तरह से स्पष्ट होना जरुरी है. कार व बाइक पर रहने वाली नंबर प्लेट में अक्षरों व संख्या का आकार कम से कम 2 इंच रहना आवश्यक है. जो दूर से ही स्पष्ट दिखाई देने के साथ ही समझमें आना चाहिए. साथ ही सभी अंक एक समान आकार में रहना जरुरी होता है. ऐसे में किसी भी तरह की फैन्सी नंबर प्लेट व डिझानदार नंबर का प्रयोग करना नियमबाह्य साबित होता है. परंतु इसके बावजूद कई लोग अपने वाहनों की नंबर प्लेट पर नंबरों के साथ ‘कलाकारी’ करने से बाझ नहीं आते.

* ऐसे रही महिना निहाय कार्रवाई
महिना    केसेस
जनवरी     244
फरवरी     385
मार्च         388
अप्रैल       372
मई          434
जून         377
जुलाई      410
अगस्त     489
सितंबर    336

* जनवरी से सितंबर माह के दौरान बिना नंबर वाले और फैन्सी नंबर प्लेट रहने वाले 3435 वाहन धारकों पर दंड लगाया गया तथा उनके वाहनों पर लगी फैन्सी नंबर प्लेट को निकाल दिया गया. इसके साथ ही सितंबर माह के अंत तक करीब 92 हजार वाहन धारकों ने यातायात नियमों का उल्लंघन किया. जिनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की गई है.
– मनीष ठाकरे,
प्रभारी एसीपी,
यातायात शाखा

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