अमरावती

अमरावती सहित 4 विद्यापीठों में पूर्णकालीक कुलगुरु नहीं

प्रभारी कारभार से प्रशासन सुस्त, परीक्षा विभाग का कामकाज प्रभावित

अमरावती/दि.14 – राज्य में अमरावती सहित मुंबई, पुणे व रामटेक इन चार विद्यापीठों में पूर्णकालीक कुलगुरु नहीं रहने के चलते प्रशासकीय कामकाज पर परिणाम हो रहा है. प्रभारी कुलगुरु द्बारा पूरा समय विद्यापीठ का कामकाज नहीं संभाला जा सकता. जिसकी वजह से इन चारों विद्यापीठों की प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह से सुस्त हो गई है. उल्लेखनीय है कि, विद्यापीठ अधिनियम के मुताबिक यदि कुलगुरु पदमुक्त हो जाते है, तो प्र-कुलगुरु भी अपने आप ही पदमुक्त हो जाते है, ऐसे समय विद्यापीठ का कामकाज संभालना काफी मुश्किल हो जाता है.
बता दें कि, संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ के साथ ही मुंबई विद्यापीठ, कवि कुलगुरु कालीदास संस्कृत विश्वविद्यालय रामटेक, सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ इन चार विद्यापीठों में नियमित व पूर्णकालीक कुलगुरु नहीं रहने के चलते प्रभारी कुलगुरु के भरोसे कामकाज चल रहा है. मुंबई विद्यापीठ का प्रभार कोल्हापुर के कुलगुरु के पास है. वहीं अमरावती विद्यापीठ का प्रभार औरंगाबाद के कुलगुरु को सौपा गया है. साथ ही पुणे विद्यापीठ का प्रभार लोणेरे के कुलगुरु के पास और रामटेके विद्यापीठ का प्रभार वहीं के प्र-कुलगुरु को सौपा गया है. सैकडों विद्यार्थियों का शैक्षणिक भविष्य तय करने वाले विद्यापीठों में यदि कुलगुरु जैसे महत्वपूर्ण पद का जिम्मा प्रभारियों के भरोसे सौपा जाएंगा, तो विद्यापीठ का कामकाज निश्चित रुप से प्रभावित होगा. साथ ही प्रभारी कुलगुरु के लिए भी एकसाथ दो विद्यापीठों का कामकाज संभालना काफी हद तक मुश्किल हो जाता है. चूंकि इस समय परीक्षा का दौर चल रहा है. ऐसे में प्रभारी कुलगुरु की वजह से नियोजन सही तरीके से नहीं हो पा रहा.
नये राज्यपाल मिल, अब कुलगुरु की प्रतीक्षा
राज्य में नये राज्यपाल के तौर पर रमेश बैस की नियुक्ति हो गई है. जिसके चलते आने वाले वक्त में अमरावती, मुंबई, पुणे व रामटेक के विद्यापीठों में नये कुलगुरुओं की नियुक्ति होने की प्रतिक्षा की जा रही है. साथ ही राज्यपाल रमेश बैस द्बारा अपने पद के सूत्र स्वीकार करने के बाद इन चारों विद्यापीठों में रिक्त पडे कुलगुरु पद की भर्ती प्रक्रिया शुरु किए जाने की मांग की जा रही है.

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