अमरावती /दि.1– संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ द्बारा लिये गये आचार्य पदवी पूर्व परीक्षा एम पेट के परिणाम जाहीर करते वक्त जिन छात्रों को पास किया गया था उन्हेें अब फेल बताया गया है. 22 दिनों के भितर विद्यापीठ ने संबंधित परीक्षा के परिणामों को बदलते हुए नये परिणाम घोषित किये. जिससे पहले के परिणामों में पास जाहीर 40 छात्रों को अब फेल घोषित किये जाने से संबंधित छात्रों में नाराजगी की लहर है.
विद्यापीठ की ओर से 27 व 28 नवंबर को ऑनलाइन पद्धति से अलग-अलग केंद्रों पर आचार्य पदवी पूर्व परीक्षा ली गई. 5 जनवरी को इस परीक्षा के परिणाम जाहीर किये गये. इन परिणामों में 40 छात्रों के परीक्षा क्रमांक पास छात्रों के सूचि में जाहीर किये गये थे. लेकिन संबंधित परिणाम जाहीर होने के बाद विद्यापीठ में 27 जनवरी को एक अधिसूचना जारी कर संबंधित 40 छात्रों को पास की जगह फेल जाहीर किया. संबंधित छात्र आरक्षण पात्रता धारक नहीं रहने से 5 प्रतिशत छूट के प्रावधानों के तहत पास नहीं हो सकते. ऐसा कहते हुए विद्यापीठ ने पहले पास जाहीर 40 छात्रों को अब फेल घोषित कर दिया है.
5 जनवरी को घोषित परिणामों से संबंधित छात्रों में पास होने का उत्साह था. लेकिन 22 दिनों में ही संबंधित छात्रों के आनंदों पर नाराजगी की लहर दौडी. विद्यापीठ ने खुले प्रवर्गों के छात्रों को परीक्षा प्रावधानों के तहत पास दिखाया था. लेकिन अब उन्हें फिर से फेल करा दिये जाने से विद्यापीठ की गलती हम क्यों भूगते, यह सवाल फेल करा दिये गये छात्र पूछ रहे है.
* ऐसी हुई गलती
विद्यापीठ प्रशासन ने बताया कि, कम्प्यूटर प्रोग्राम में हुई खराबी के चलते यह मामला घटा. अधिसूचना के तहत परीक्षाओं के परिणाम तैयार करते वक्त खुले प्रवर्ग के छात्रों को भी अधिसूचना क्रमांक 259/2011 लागू की गई थी. जिसके कारण संबंधित छात्रों को पास घोषित किया गया. लेकिन जैसे ही यह गलती ध्यान में आयी संबंधित छात्रों को फेल घोषित किया गया है.
* तीन दिनों में ध्यान में आयी गलती
विद्यापीठ के एम पेट परीक्षा परिणामों में किसी भी प्रकार की गलती होने पर 6 महीने के भीतर उसमें सुधार करने का प्रावधान विद्यापीठ स्तर पर है. इसी नियम अंतर्गत एम पेट के परीक्षा में हुई गलती को सुधार लिया गया है. तीन दिनों के भीतर ही यह गलती विद्यापीठ प्रशासन के ध्यान में आयी थी.
– डॉ. हेमंत देशमुख, संचालक परीक्षा व मूल्यमापन