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हर दिन हो रही 20 लाख रूपयों से अधिक की आय
अमरावती/दि.25 – राज्य परिवहन महामंडल को सरकारी सेवा में शामिल किये जाने की प्रमुख मांग को लेकर विगत साढे चार माह से एसटी कर्मचारियों द्वारा हडताल की जा रही है. हालांकि सरकार द्वारा किये जाते प्रयासों के चलते अब यांत्रिक व प्रशासनिक विभाग के कर्मचारियों के साथ-साथ कई वाहक व चालक काम पर लौट आये है. जिसके चलते अब जिले में 40 फीसद एसटी बसें शुरू हो गई है और जिले के आठ आगारों की 363 में से 127 बसों द्वारा रोजाना 414 फेरियां पूर्ण की जा रही है. जिसे रापनि को रोजाना 20 लाख रूपये की आय हो रही है.
बता दें कि, विलीनीकरण की प्रमुख मांग को लेकर विगत नवंबर माह में रापनि कर्मचारियों ने काम बंद आंदोलन करते हुए हडताल करनी शुरू की थी और शुरूआती दौर में यह आंदोलन काफी तीव्र भी रहा. जब विलीनीकरण की मांग पूर्ण होने तक कोई भी कर्मचारी काम पर आने के लिए तैयार नहीं था. लेकिन सरकार एवं रापनि द्वारा कुछ कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन, सेवा समाप्ती व निष्कासन जैसी कार्रवाईयां शुरू करने और काम पर लौटनेवाले कर्मचारियों के लिए वेतनवृध्दि दिये जाने के चलते धीरे-धीरे कई कर्मचारी काम पर हाजीर होने लगे. वहीं दूसरी ओर रापनि की परिवहन सेवा को दोबारा शुरू करने के लिए रापनि द्वारा ठेका नियुक्त कर्मचारियों की नियुक्ति की जाने लगी. जिसके चलते धीरे-धीरे अलग-अलग मार्गों पर रापनि की बस सेवा बहाल होनी शुरू हो गई. इस समय अमरावती आगार से 33, बडनेरा आगार से 12, परतवाडा आगार से 15, वरूड आगार से 16, चांदूर रेलवे आगार से 17, दर्यापुर आगार से 10, मोर्शी आगार से 17, चांदूर बाजार आगार से 8 ऐसे कुल आठ आगारों से 127 रापनि बसें चलायी जा रही है. जिनके द्वारा रोजाना 29 हजार 771 किमी की दूरी तय की जा रही है और इन बसों में रोजाना औसतन 22 हजार 660 यात्री यात्रा कर रहे है. चूंकि इस समय रापनि की 60 फीसद बसें बंद है. ऐसे में पहले जहां रापनि को रोजाना 35 लाख रूपये की आय हुआ करती थी, वहीं इस समय रोजाना 20 लाख रूपयों की आय पर संतोष करना पड रहा है. ऐसे में हमेशा ही घाटे में रहनेवाला रापनि महामंडल इस समय और भी अधिक घाटे में दिखाई दे रहा है.
उल्लेखनीय है कि, रापनि महामंडल द्वारा अब तक 450 कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है. इन निलंबीतों में से कई कर्मचारी काम पर वापिस लौट आये है. जिनकी निलंबन को रद्द कर दिया गया है. वही दूसरी ओर अमरावती विभाग के 2400 में से 1300 रापनि कर्मी अब भी विलीनीकरण की मांग पर अडे हुए है और उनके द्वारा की जानेवाल हडताल बदस्तुर जारी है. जिसके चलते रापनि द्वारा ठेके पर बस चालकों की नियुक्ति करते हुए बसें चलायी जा रही है.