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40 हजार करोड देयक बाकी

ठेकेदारों का आंदोलन

* विरोधकों का सरकार पर टीका
* जिले के ठेकेदारों ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
अमरावती/दि.8-विधानसभा चुनाव के ऐन मौके पर राज्य सरकार व्दारा जाहिर किए गए कुछ योजनाओं के कारण राज्य की तिजोरी खाली हो रही हैं. राज्य शासन के सार्वजनिक बांधकाम, ग्रामविकास, जलसंपदा, जलजीवन सहित 6 विभागों में किए गए सरकारी काम में लगभग 40 हजार करोड खर्च का देयक विगत चार महीने से नहीं दी गई. इसके विरोध में महाराष्ट्र राज्य ठेकेदार महासंघ व राज्य अभियंता संगठन मुंबई ने मंगलवार को एक दिवसीय लाक्षणिक आंदोलन पुकारा था. जिसमें जिले के 2200 से अधिक ठेकेदारों ने भी सहभाग लेकर एक दिवसीय आंदोलन किया व अपनी पंचसूत्रीय मांगो का ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा. इस समय संगठन के जिला अध्यक्ष अश्वीन पवार, परवेझ अली, वैभव गावंडे, तेजस पाटोकार, शुभम जीरापुरे, स्वप्नील जैस्वाल, अंकित पुसदकर, आकाश हिवसे, हर्षल रोंगे, तुषार ठाकरे, शुभम गिरी, प्रतीक लोंढे आदि उपस्थित थे.
मुंबई में पिछले दिनों राज्य के छोटे-बडे ठेकेदारों की इसके पहले बैठक संपन्न हुई. जिसमें राज्य के अनेक सरकारी निमसरकारी ठेकेदार राज्य सरकार की स्थापत्य, विद्युत क्षेत्र के काम कर रहे हैं. स्थानीय स्तर पर इन ठेकेदारों व्दारा किए गए कामों का देयक प्रस्तुत किया हैं. चार महीने से ज्यादा समय बीत जाने पर भी ठेकेदारों का देयक दिया नहीं गया. 30 सितंबर से इन ठेकेदारों ने सरकारी काम न करने का निर्णय लिया हैं.

सरकार योजनाओं के साथ ही हमारे रुके पैसे दे
राज्य भर में ठेकेदारों व्दारा 40 हजार करोड से अधिक का सरकारी काम किया गया है. वही सरकार ठेकेदारों के 1 वर्ष से अधिक समय का बकाया रकम देेने की बजाए विभिन्न योजनाएं निकाल कर तिजोरी खाली कर रही हैं. ठेकेदार इन्फ्रॉट्रक्चर का एक हिस्सा हैं. अन्य योजनाओं को शुरू करने के साथ ही ठेकेदारों के रुके हुए पैसे भी दिए जाए. ऐसी मांग सहित कुल 5 मांगो का निवेदन आज हमने मुख्यमंत्री के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा हैं.
अश्वीन पवार, जिला अध्यक्ष, महाराष्ट्र राज्य ठेकेदार महासंघ व राज्य अभियंता संगठन

रोहित पवार, आदित्य ठाकरे ने की टिप्पणी
बंडखोर विधायकों को संभालने के लिए सरकार व्दारा किसी भी आर्थिक बातों पर विचार न करते हुए निविदा निकाली. जून महीने के विकास काम का रुका हुआ 18 हजार करोड रुपयों की उधारी अब 40 हजार करोड रुपये तक पहुंच गई हैं. सरकार का नियोजनशून्य कारभार के कारण दिवालिया होने की ओर सरकार बढने की टिप्पणी रोहित पवार ने सोशल मीडिया पर की हैं. इस सरकार का आर्थिक नियोजन डगमगा गया हैं. लाडला ठेकेदार योजना पर इन्होंने मिट्टी डाल दी हैं. ऐसी टिप्पणी आदित्य ठाकरे ने भी की हैं.

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