अमरावती

तीन वर्ष में 400 इलेक्ट्रिक वाहन बढे

जिले में कुल 429 इलेक्ट्रिक वाहन

अमरावती/दि.3 – पेट्रोल व डीजल की बढती कीमतों के साथ-साथ पर्यावरण को होनेवाले नुकसान एवं प्रदूषण के बढते स्तर को ध्यान में रखते हुए लोगबाग अब इंधन चलित वाहनों की बजाय इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रयोग करने की ओर मुड रहे है और लोगों का इलेक्ट्रिक वाहन चलाने की ओर रूझान बढ रहा है. चूंकि इलेक्ट्रिक वाहनों की रफ्तार भी थोडी कम होती है. ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहनों की वजह से सडक हादसों का प्रमाण भी घटेगा, ऐसा विशेषज्ञों का मानना है. इस वजह से भी अब धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक वाहनों की सडकों पर संख्या बढने लगी है. हालांकि इस समय शहर सहित जिले में इलेक्ट्रिक पर चलने केवल दुपहिया व तिपहिया वाहन ही देखे जा रहे है और इलेक्ट्रिक पर चलनेवाले चार पहिया वाहनों की एंट्री होना फिलहाल बाकी है.

किस वर्ष में कितने इलेक्ट्रिक वाहन बिके

वाहन          2019     2020    2021
दुपहिया          62          20       315
ऑटोरिक्षा        00          07       13
डिलीवरी वैन     00         03        04

इलेक्ट्रिक दुपहिया को लेकर पसंद बढी

पेट्रोल की बढती कीमतों को देखते हुए अब बाजार में बिक्री हेतु उपलब्ध दुपहिया वाहनों को नागरिकों द्वारा अच्छा-खासा पसंद किया जा रहा है. घर पर ही एक बार फुल चार्जींग कर लेने के बाद 50 से 80 किमी की दूरी तय करनेवाले इन दुपहिया वाहनों को खरीदने की ओर नागरिकों का रूझान बढ रहा है. बता दें कि, इलेक्ट्रिक पर चलनेवाले वाहनों की बैटरी को बडी आसानी के साथ घर पर ही चार्ज किया जा सकता है और इन वाहनों का प्रयोग भी बेहद आसान है. जिसकी वजह से लोगबाग अब इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाना पसंद कर रहे है.

फिलहाल चारपहिया वाहनों की संख्या कम

पेट्रोल व डीजल की बढती कीमतों को ध्यान में रखते हुए इंधन पर चलनेवाले वाहन महंगे पडने लगे है. ऐसे में लोगबाग पर्याय के तौर पर इलेक्ट्रिक चलित वाहन खरीद रहे है. इसके तहत विगत तीन वर्षों के दौरान स्थानीय आरटीओ कार्यालय में 400 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीयन हुआ है. जिसमें ऑटोरिक्शा व दुपहिया वाहनों की संख्या ही अधिक है. वहीं इस समय तक इलेक्ट्रिक पर चलनेवाले चार पहिया वाहनों की अमरावती शहर में एंट्री नहीं हुई है.

पेट्रोल व डीजल के साथ ही टैक्स की भी बचत

इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदी पर जीएसटी व पंजीयन शुल्क सहित अन्य किसी भी तरह का कोई शुल्क या कर अदा नहीं करना पडता. साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदी पर सरकार की ओर से अनुदान भी मिलता है. इसके अलावा इन वाहनों को चलाने के लिए बार-बार पेट्रोल व डीजल भरवाने की जरूरत भी नहीं पडती. यानी केवल एक बार इन वाहनों की खरीदी पर ही पैसा खर्च होता है. जिसके चलते लोगबाग इन वाहनों को खरीदना पसंद कर रहे है. साथ ही इन वाहनों को चलाने से धुएं व आवाज की समस्या भी पैदा नहीं होती, जो पर्यावरण के लिए भी अच्छी बात है. यहीं वजह है कि, सरकार द्वारा भी इन वाहनों की बिक्री को प्रोत्साहित किया जा रहा है.

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