अमरावती/दि.29- कचरा व्यवस्थापन व शौच मुक्ति में जिला पिछड गया है. जिले को शौचमुक्त करने का लक्ष्य पूर्ण करने के लिए जिला प्रशासन को अभी भी काफी परिश्रम करना पड रहा है.
जिले की 14 तहसील अंतर्गत कुल 1566 गांव में से केवल 403 गांव अब तक ओडीएफ प्लस हुए है. जुलाई के अंत तक जिले के और 326 गांव ओडीएफ करने के निर्देश जिप सीईओ अविश्यांत पंडा ने संबंधित गट विकास अधिकारी को दिए है. जुलाई अंत तक जिले के कुल 750 गांव ओडीएफ प्लस घोषित किए जाएंगे, ऐसी जानकारी जिला परिषद के जल व स्वच्छता विभाग के अधिकारियों ने दी. सीईओ के निर्देश के बाद गटविकास अधिकारियों की भागदौड शुरु हो गई है. ग्रामसभा में वैसा प्रस्ताव जल्द से जल्द लेने के निर्देश भी ग्रामसेवकों को दिए गए है. प्रत्येक गांव को शौच मुक्त कर संबंधित गांव के घनकचरे को शास्त्रोक्त पद्धति से रफादफा करना अनिवार्य है. उसी गांव को ओडीएफ प्लस घोषित किया जाता है. जिले के 1566 गांव में से केवल उंगलियों पर गिनती के गांव को ओडीएफ प्लस घोषित करने में प्रशासन को सफलता मिली है. इसी तरह और 326 गांव ओडीएफ प्लस के मार्ग पर रहने से जिले के आधे गांव सीईओ के निर्देश के बाद बढ गए. गटविकास अधिकारियों का जुलाई अंत तक ओडीएफ गांव के दृष्टि से नियोजन शुरु है. ओडीएफ प्लस में जिला राज्य में पांचवें स्थान पर और विभाग में प्रथम स्थान पर रहने की जानकारी दी गई है. अब ओडीएफ प्लस गांव बढाने के लिए प्रयास होना आवश्यक है.
* तहसील निहाय ओडीएफ गांव
अमरावती 36, अचलपुर 41, अंजनगांव सुर्जी 38, भातकुली 27, चांदूर बाजार 26, चांदूर रेलवे 31, चिखलदारा 21, दर्यापुर 16, धामणगांव रेलवे 24, धारणी 6, मोर्शी 25, नांदगांव खंडेश्वर 56, तिवसा 27 और वरुड 32 ऐसे 403 गांव ओडीएफ प्लस है.