तेंदूओं के हमले में 41 जानवरों की मौत
बीते वर्ष चराई क्षेत्र में कई बार मवेशियों पर हुए तेंदूओं के हमले
अमरावती/दि.9– शहर से सटे वडाली व चांदूर रेल्वे वन परीक्षेत्र में विगत वर्ष जनवरी से दिसंबर माह के दौरान तेंदूओं द्वारा किये गये हमलों में 41 पालतू मवेशी मारे गये. इन दोनों वन परिक्षेत्रों में एक वर्ष की कालावधि दौरान गाय, भैस, बछडे व बकरी आदि का समावेश रहने वाले 41 पालतू जानवरों पर तेंदूओं ने दबे पांव हमला कर उनका शिकार किया. उल्लेखनीय है कि, जंगल के आसपास के कई किसानों के खेत व तबेले है. साथ ही कई गांव की वन्य परिसर के आसपास ही स्थित है. ऐसे मेंं जंगल परिसर के आसपास अक्सर ही पालतू मवेशी चराई के लिए घुमते रहते है. जिन पर झडप मारते हुए तेंदूओं द्वारा उनका शिकार कर लिया जाता है. ऐसी ही झडपों के चलते विगत 1 वर्ष के दौरान इन दोनों वन्य परिसरों में तेंदूओं ने 41 जानवरों को जान से मार डाला. जिसमें कुछ दुधारु जानवरों का भी समावेश था.
* इन गांवों के पालतू जानवरों का समावेश
वडाली वन परिक्षेत्र से सटे रहने वाले अमरावती, अर्हाड, पोहरा, उदखेड, भानखेडा बु., पार्डी, दिवानखेड व इंदला इन गांवों के 28 तथा चांदूर रेल्वे वन परिक्षेत्र से सटे भिवापुर, मंगरुल, मार्डा, आखतवाडा, कुर्हा, दिवानखेड, उमरपुर, मांजरखेड, चिरोली, जलका इन गांवों के 13 ऐसे दोनों वन परिक्षेत्र में विगत 1 वर्ष के दौरान कुल 41 पालतू मवेशियों का तेंदूओं द्वारा शिकार किया गया.
* पालतू जानवरों पर रहती है तेंदूओं की नजर
वडाली व चांदूर रेल्वे के जंगलों में तेंदूओं के साथ ही तृणभक्षक वन्य प्राणियों की संख्या में भी काफी अधिक वृद्धि हुई है. जिसके चलते तेंदूओं को जंगल में ही सहज तरीके से भोजन श्रृंखला उपलब्ध होती है. लेकिन इसके बावजूद तेंदूओं द्वारा गांव व खेत परिसर तक आते हुए पालतू जानवरों का शिकार किया जाता है. जिसका सीधा मतलब है कि, तेंदूओं द्वारा पालतू मवेशियों का शिकार करना पसंद किया जाता है और उन पर नजर रखी जाती है.