अमरावती

41 साल का इंतजार खत्म

अमरावती/प्रतिनिधि दि.5 – ओलंपिक में 41 साल बाद पदक जीतने के बाद भारतीय हॉकी पुरुष टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने जहां इस ऐतिहासिक पदक को देश के उन चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों और सैनिकों को समर्पित किया, जिन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान जीवन बचाने के लिए बिना थके काम किया. वहीं बेरार हॉकी एकेडेमी विदर्भ के शम्स परवेज राज ने कांस्य पदक को सोने के बराबर कीमती बताया.
कांस्य पदक के प्लेऑफ में जर्मनी को 5-4 से हराने के बाद जालंधर के 29 साल के मनप्रीत के पास अपनी भावनाओं को जाहीर करने के लिए शब्द नहीं थे. यह भारत का ओलंपिक में 12 वां पदक है. लेकिन यह उसे चार दशक से अधिक इंतजार के बाद मिला. भारत ने पिछली बार ओलंपिक पोडियम पर 1980 मॉस्को खेलों के दौरान जगह बनाई थी जब उसने स्वर्ण पदक जीता था. भारत ने ओलंपिक में आठ स्वर्ण जीते हैं. टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत की झोली में एक और मेडल आ गया है. यहां भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए जर्मनी को 5-4 से हरा दिया. इस जीत के साथ भारत ने 41 साल बाद ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता.
आखिरी चंद सेकंड में जर्मनी को मिले पेनल्टी कॉर्नर को ज्यों ही गोलकीपर पी आर श्रीजे ने रोका, भारतीय खिलाड़ियों के साथ टीवी पर इस ऐतिहासिक मुकाबले को देख र हे करोड़ों भारतीयों की भी आंखें नम हो गई. आखिर इंतजार 41 साल का था और अतीत की मायूसियों के साये से निकलकर भारतीय हॉकी टीम ने पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए टोकियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीत लिया. इस पर बेरार हॉकी एकेडमी विदर्भ अमरावती अध्यक्ष मिर्जा नईम अख्तर बेग, सचिव अनवर अहमद, विलास इंगोले, एड. जिया खान तनवीर जमाल, संजय तिरथकर, मनीषा अखरे, नेशनल हॉकी कोच शम्स परवेज राज,सुशील सुरवे, मोहसीन खान एवं बेरार हॉकी एकेडेमी विदर्भ अमरावती के सभी पदाधिकारियों ने शुभकामनाएं व बधाई दी.

Related Articles

Back to top button