अमरावती

४२ हजार किसानों ने १५ वर्षों से बिजली बिल का नहीं किया भुगतान

कृषि पंप का बकाया १३०० करोड़, सहयोग करने का महावितरण का आह्वान

अमरावती/ दि. ९– जिले में कृषि पंप का बिजली बिल बकाया १ हजार २९२ करोड से अधिक हुआ है. रबी सत्र की शुरुआत हुई है. इसलिए आवश्यक बिजली का नियोजन किया जा सके, देखभाल दुरुस्ती करने के लिए किसानों ने कम से कम वर्तमान में जारी बिजली बिल का भुगतान कर सहयोग करने के आह्वान अधीक्षक अभियंता दिलीप खानंदे ने किया है. रबी सत्र शुरु होने से बिजली की मांग बडे पैमान पर बढ़ गई है. जिले के कृषिपंप के बारे में सोचा जाए तो कुल १ लाख ३८ हजार ९१८ ग्राहकों पर बकाया १ हजार २९२ करोड ३३ लाख पर पहुंचा है. जिले में महावितरण के विभाग निहाय बकाया के अनुसार अचलपुर विभाग में ४५ हजार २९ कृषि पंप ग्राहकों पर ६७४ करोड ९७ लाख बकाया है. तथा अमरावती ग्रामीण विभाग में ४६ हजार ८१५ कृषि पंप का बकाया २९३ करोड ७४ लाख तक पहुंचा है. इसी तरह अमरावती शहर विभाग में ८७८ कृषि पंप ग्राहक है. उन पर १८ करोड ८३ लाख बकाया है. मोर्शी विभाग के ४६ हजार १९६ ग्राहकों पर ३०४ करोड़ ८० लाख रुपए बिजली बिल का बकाया है. उल्लेखनिय है कि, जिले के २६ हजार कृषि पंप ग्राहकों ने १५ वर्ष से अधिक समयावधि होने के बाद भी एक बार भी बिजली बिल का भुगतान नहीं किया. तथा १५ हजार ९४६ कृषि पंप ग्राहकों ने १० से १५ साल में एक बार भी बिजली बिल भरने प्राथमिकता नहीं दी. महावितरण सरकारी कंपनी होने पर भी अपने ग्राहकों के लिए लगनेवाली बिजली का नियोजन करने के लिए महावितरण को विविध सरकारी और निजी स्त्रोंतों से बिजली खरीदना पडता है. इसलिए बकायादार किसानों ने वर्तमान में जारी किए बिजली बिल का भुगतान करना अपेक्षित है. रबी सत्र में बिजली का अवैध इस्तेमाल बडे पैमान पर बढने से बिजली यंत्रणा पर बोझ बढ रहा है तथा ट्रांसफार्मर भी खराब होने का प्रमाण बढ़ गया है. जिसके कारण महावितरण का नुकसान होता है. और ग्राहकों की बिजली आपूर्ति खंडित होती है. इसलिए अधिकृत बिजली कनेक्शन रहनेवाले किसानों ने अपने क्षेत्र में यदि कोई अवैध बिजली कनेक्शन लेकर बिजली का इस्तेमाल कर रहा हो तो इसे टालने के लिए महावितरण को सहयोग करने का आह्वान किया गया है.

बकाया मुक्ति का मौका
महावितरण द्वारा तीन चरण में कृषि नीति २०२० चलायी जा रही है. पहला चरण २०२१-२२, दूसरा चरण २०२२-२३ और तीसरा चरण २०२३-२४ है. महावितरण की कृषि नीति अंतर्गत बकायादार किसानों को निर्लेखन, ब्याज और विलंब शुल्क में माफी देते हुए मूल बकाया में भी पहले चरण में ५०, दूसरें चरण में ३० और तीसरें चरण में २० प्रतिशत माफी दी जाने से बकायादार किसानों ने इस नीति का लाभ लेने का आह्वान अधीक्षक अभियंता दिलीप खानंदे ने किया है.

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