वन्यजीवों के हमले में 421 लोगों की मौत, 3225 लोग हुए घायल
सूचना अधिकार के तहत सवा 6 साल के आंकडे आये सामने
अमरावती/दि.28– राज्य में इंसानों एवं वन्यजीवों के बीच संघर्ष बना रहने के साथ-साथ दिनोंदिन तीव्र भी हो रहा है. जिसके चलते वन्य प्राणियों का शिकार होने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हो रही है. जनवरी 2018 से फरवरी 2024 तक 6 साल 2 माह की कालावधि दौरान वन्य प्राणियों द्वारा किये गये हमले के चलते राज्य में करीब 421 लोगों की जान चली गई. वहीं 3 हजार 225 नागरिक वन्यजीवों द्वारा किये गये हमलों में घायल हुए है, ऐसी जानकारी सूचना अधिकार कार्यकर्ता अभय कोलारकर द्वारा वनविभाग से मांगी गई जानकारी के जरिए सामने आयी है.
राज्य के जंगलों में वन्य प्राणियों द्वारा किये गये हमलों में कितने लोगों की मौत हुई, कितने लोग घायल हुए, फसलों का कितना नुकसान हुआ, कितने पालतू प्राणी व मवेशी मारे गये तथा संबंधितों को कितनी नुकसान भरपाई मिली. आदि से संबंधित जानकारी सूचना अधिकार कार्यकर्ता अभय कोलारकर ने वनविभाग से मांगी थी. पश्चात वनविभाग द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि, जनवरी 2018 से फरवरी 2024 की कालावधि के दौरान वन्य प्राणियों के हमले मेें 421 लोगों की जान गई. जिसमें से सर्वाघिक 111 लोगों की मौतें सन 2022-23 के दौरान हुई. वनविभाग द्वारा वन्यजीवों के हमले में मारे गये लोगों के परिजनों को नुकसान भरपाई के तौर पर 70 करोड 65 लाख रुपए की रकम दी गई. इसी कालावधि के दौरान वन्य प्राणियों द्वारा किये गये हमले में 3 हजार 225 नागरिक घायल हुए जिन्हें नुकसान भरपाई के तौर पर 23 करोड 3 लाख रुपए अदा किये गये.
इस सवा 2 साल के दौरान वन्य प्राणियों द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाये जाने के 3 लाख 22 हजार 145 घटनाएं घटित हुई. जिसके चलते संबंधित खेत मालिकों को 254 करोड 97 लाख रुपए की भरपाई दी गई. विशेष उल्लेखनीय है कि, वन्य प्राणियों द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाये जाने की सर्वाधिक 1 लाख 4 हजार 436 घटनाएं जारी वर्ष 2024 के जनवरी व फरवरी माह के दौरान घटित हुई. इसके अलावा महाराष्ट्र राज्य में वन्य प्राणियों द्वारा किये गये हमलों में 54 हजार 190 पालतू प्राणी व मवेशी मारे गये तथा 59 हजार 780 प्राणी घायल हुए. ऐसे में वनविभाग ने मृत प्राणियों के लिए नुकसान भरपाई के तौर पर 59 करोड 88 लाख व घायल प्राणियों के लिए 104 करोड 62 लाख रुपए अदा किये.
सूचना अधिकार के तहत प्राप्त हुई जानकारी से पता चलता है कि, समूचे राज्य में इंसानों व वन्यजीवों के बीच संघर्ष लगातार बढता जा रहा है तथा वन्य प्राणियों द्वारा पालतू मवेशियों व खेतों में खडी फसलों का भी बडे पैमाने पर नुकसान किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर जीवित व वित्त हानि की एवज में नुकसान भरपाई देते-देते ही वनविभाग की तिजोरी खाली हो रही है.