संभाग में पांच माह में 424 किसान आत्महत्या
अमरावती और बुलढाणा में 100 से अधिक ने लगाया मौत को गले
अमरावती/दि.14- गत पांच माह में 424 किसानों ने आत्महत्या कर ली. यह आंकड़ा अमरावती संभाग का है. किसान समस्या को लेकर भयंकर सच्चाई यह आंकड़े दर्शा रहे है. बुलढाणा जिले में 123 और अमरावती में 104 कृषकों ने मौत को गले लगाने का भयानक सच उजागर हो रहा है. पिछले 17 वर्षों से संभाग को लगा किसान आत्महत्या का बदनुमा दाग मिटाए नहीं मिट रहा. हालांकि शासन ने समय-समय पर कर्ज माफी के साथ नाना प्रकार की योजनाओं की घोषणा की है. अभी हाल में महाराष्ट्र सरकार ने अतिवृष्टि पीड़ित किसानों को 1500 करोड़ देने की घोषणा की है.
* नैसर्गिक आपदा
किसानों के साथ प्रकृति भी बराबर न्याय नहीं कर रही. कभी सूखा पड़ रहा तो कभी अतिवृष्टि. किसी तरह फसल ठीक ठाक हो जाए तो उन्हें उचित दाम नहीं मिलते, जिसके कारण किसानों पर कर्ज का बोझ कायम रहता है. आखिर वे घर परिवार को छोड़कर फांसी लगा ले रहे अथवा कीटनाशक पीकर जान दे रहे हैं.
* 50 प्रतिशत मुनाफा तय करें
किसानों के अनेक समूह की मांग है कि केंद्र सरकार गारंटी मूल्य घोषित करते समय लागत के साथ 50 प्रतिशत लाभ को जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा करें. किसान महादेव कुर्हाडे ने बताया कि कोई भी सरकार यह विचार कर गारंटी मूल्य घोषित नहीं करती. जिसके कारण किसानों को फायदे की बजाय नुकसान ही अधिक हो रहा है. आर्थिक दिक्कतों की वजह से आत्महत्या बढ़ने की बात भी कुर्हाडे ने कही.
* संभाग में कपास, तुअर प्रमुख फसलें
अमरावती संभाग में पिछले अनेक वर्षों से कपास, तुअर और सोयाबीन मुख्य रुप से ली जा रही है. कपास के दाम इस बार अपेक्षा से काफी कम रहे. जबकि तुअर में थोड़ी तेजी आने के बाद स्टॉक लिमिट कर देने से भाव स्थिर अथवा अधिकांश मंडियों में कम हो गए हैं. सोयाबीन के रेट भी लगातार कम होते गए. पिछले साल 10 हजार रुपए बिकने वाला सोयाबीन इस बार आधे दाम पर बेचने कृषक भाई मजबूर हुए हैं. जबकि उत्पादन पर भी खासा बुरा असर पड़ा है.
जिलानिहाय आत्महत्या
अमरावती 104
बुलढाणा 123
यवतमाल 99
अकोला 70
वाशिम 28