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सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में 43 वां किडनी प्रत्यारोपण

मां शांता बनी पुत्री अनीता की जीवनदाता

* सौंसर की महिला को अमरावती में लाभ
अमरावती/दि. 30 – स्थानीय विभागीय संदर्भ सेवा रुग्णालय (सुपर स्पेशलिटी) हॉस्पिटल में आज 43 वां किडनी प्रत्यारोपण ऑपरेशन सफल किया गया. जब मध्यप्रदेश के सौंसर की रहने वाली 35 वर्षीया अनीता दीपक बावीसकाले को उनकी मां शांता किशोर सोनवने ने नया नवजीवन देते हुए अपना एक गुर्दा खुशी-खुशी और संपूर्ण कानूनी प्रक्रिया पूर्ण कर अपनी सुपुत्री को दिया. शस्त्रक्रिया सफल होने का दावा अस्पताल सूत्रों ने किया. यह भी बताया कि, मरीज को शासकीय योजना का लाभ देते हुए शस्त्रक्रिया नि:शुल्क की गई. इस ट्रान्सप्लांट से अब अनीता को बार-बार डायलिसिस नहीं करना पडेगा.
सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के वैद्यकीय अधीक्षक डॉ. अमोल नरोटे व विशेष कार्य अधिकारी डॉ. मंगेश मेंढे के मार्गदर्शन में आज का प्रत्यारोपण होने की जानकारी अस्पताल सूत्रों ने अमरावती मंडल को दी. उन्होंने बताया कि, सफल ऑपरेशन में नेफरोलॉजिस्ट डॉ. प्रणीत काकडे, डॉ. नयन काकडे, यूरो सर्जन डॉ.राहुल पोटोडे, डॉ. विक्रम देशमुख, डॉ. राहुल घुले, डॉ.विशाल बाहेकर, बधिरिकरण तज्ञ- डॉ. रोहित हातगांवकर, डॉ. बालकृष्ण बागवाले, डॉ. दीपाली देशमुख, डॉ. जाफर अली अब्बास, डॉ.माधव ढोपरे आरएमओ, किडनी ट्रान्सप्लांट कोऑर्डिनेटर डॉ. सोनाली चौधरी, समाजसेवा अधीक्षक (वैद्यकीय) शीतल बोंडे का योगदान रहा. मरीज की फाइल बनाने से लेकर अप्रुव्हल तक उपरोक्त की भूमिका रही. उसी प्रकार अधीसेविका चंदा खोडके,माला सूरपाम की सूचना नुसार इंचार्ज सिस्टर अनीता तायडे, ज्योती तायडे, सरला राऊत, नीलिमा तायडे, लता मोहता, नीता कांडलकर, स्नेहल काले, दीपाली तायवाडे, साहिल लिंगेकर, वैभव कोथलकर, रोहिणी भगत, साहिल लांजेवार, अक्षय पवार, अनिता खोब्रागडे, नम्रता दामले, अभिजित देवधर, अनु वडे, योगिश्री पडोले, रेखा विश्वकर्मा, वैभव भुरे, नितीन मते, महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना के डॉ. दिव्यानी मुंडणे, डॉ. पायल रोकडे, आहारतज्ञ अंजली दहात, कविता देशमुख, औषध विभाग के योगेश वाडेकर, पंकज बेलुरकर, गजानन मातकर, अविनाश राठोड, सागर गणोरकर, सुनीता ठाकुर, शिवा भोंगले, आशिष स्थूल, ज्ञानेश लांजेवार, पाटील, मंगला, दिपटे, गजू, प्रशांत, नीलेश आत्राम का प्रत्यारोपण शस्त्रक्रिया में सहकार्य रहा.
* 6 माह से डायलिसिस
रुग्ण अनीता दीपक बावीसकाले (35, सौंसर, जिला पांढुर्णा) गत 6 माह से किडनी बीमारी से त्रस्त थी. उन्हें हर दो-तीन दिनों में डायलिसिस कराना पडता था. उस समय होती पीडा को देखते हुए उन्हें किडनी ट्रान्सप्लांट का योग्य उपाय बताया गया. तब से ही कागजी कार्यवाही शुरु कर दी गई थी. अपनी पुत्री को डायलिसिस की पीडा से छुटकारा दिलाने में 61 वर्ष की मां शांता आगे आई. मरीज को फुले जनस्वास्थ योजना का लाभ मिला.

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