अमरावती/दि.17- तेज गर्मी की शुरुआत होने के साथ ही सिंचार्ई प्रकल्प के पानी का स्तर उपसा व वाष्पीभवन के कारण जयसंचयन दिनोंदिन घट रहा है.
आज की स्थिति में जिले में 44 प्रतिशत जल संचयन शेष है. बावजूद इसके किल्लत का संकट सिर पर रहने से आगामी काल में बारिश को देखते हुए प्रकल्प का जल इस्तेमाल करने जतन करने आव्हान जलसंपदा विभाग के सामने है. साथ ही इस वर्ष जलापूर्ति में कटौती किये जाने के संकेत है.
अमरावती जिले में अप्पर वर्धा इस बड़े प्रकल्प सहित जलापूर्ति किये जानेे वाले 6 मध्यम व 46 लघु प्रकल्प है. इनमें से अप्पर वर्धा बांध पर अमरावती ग्रामीण व वर्धा जिले की जलापूर्ति सहित अमरावती शहर व औद्योगिक वसाहत की आपूर्ति अवलंबित है. जलापूर्ति का सर्वाधिक बोझ वाले इस बांध में फिलहाल 277 दलघमी (49 प्रतिशत) संचयन है. 6 मध्यम प्रकल्प में 110.62 दलघमी (35%) संचयन है. मध्यम प्रकल्पों पर तहसील व ग्रामीण जलापूर्ति अवलंबित है. वहीं लघु प्रकल्पों के जल संचयन की स्थिति व्यवस्थित होने पर भी इसमें 42 प्रतिशत जल जमा है. कड़ी धूप का डेढ़ महीना व जून महीना ऐसे ढाई महीने जलापूर्ति पर होने वाले तनाव को देखते हुए उपलब्ध जल संचयन काफी न होने का विचार जलसंपदा विभाग का है. जिले के ग्रामीण भागों में अधिकांश गांवों में अभी से जलापूर्ति कम होने लगी है. हवामान विभाग ने अल निनो का संभावित धोखा दर्शाये जाने से बारिश का इस पर असर होने की संभावना है.
जलसंचयन की स्थिति (दलघमी)
अप्परवर्धा ः277ः 49%
शहानूर ः24.65ः ः53%
पूर्णा ः20.52ः ः58
चंद्रभागा ः26.72 ः64
सपन ः22.46 ः58
पंढरी ः14.44 ः25
बोर्डी नाला ः 1.83 ः3.07
लघु प्रकल्प(46) ः91.26 ः42