* 37 प्रत्याशियों को खर्च का नोटिस जारी
अमरावती/दि. 7-मतगणना के बाद सभी ईवीएम वीवीपैट और कंट्रोल यूनिट गोदाम में रख दिए गये है. यदि 45 दिनों के भीतर उम्मीदवारों द्बारा आपत्तियां उठाई जाती है तो चुनाव आयोग तथा न्यायालय के निर्देशानुसार वोटों की दोबारा गिनती की जाती है. लेकिन अगर कोई आपत्ति नहीं है तो ईवीएम का सारा डेटा नष्ट कर दिया जाता है. चुनाव आयोग ने निर्देशानुसार सभी मशीनोंको 45 दिनों तक गोदाम में सुरक्षित रख दिया गया है.
जिले में वोटों की गिनती 4 जून को हुई थी. मतदान प्रक्रिया बहुत पारदर्श्ीा होती है. मतदान के दिन संपूर्ण मतदान के बाद प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों को दिए जानेवाले आवेदन प्रपत्र 17 सी में कुल मतदान का आंकडा दिया जाता है. गिनती के दिन वास्तव में गिने गये वोटो का मिलान इस 17 सी के आंकडों के साथ किया जाता है. यदि कोई विसंगति है तो संबंधित मतदान केंद्र प्रमुख की डायरी में मौजूद आंकडों में मिलान किया जाता है. यदि वे मेल नहीं खाते हैं तो ‘वीवीपैट’ में मतपत्रों का दोबारा मिलान किया जाता है . वोटों की गिनती के बाद पांचों ‘वीवीपैट’ में मौजूद मतपत्रों की भी गिनती की जाती है. यदि उम्मीदवारों को इस संबंध में कोई संदेह है तो निरीक्षकों के सामने दोबारा वोटों की गिनती की जाती है. इसके बाद इन सभी ईवीएम, वीवीपैट और कंट्रोल यूनिट को सील करके गोदामों में रख दिया जाता है. 4 जून को वोटों की गिनती की प्रक्रिया सुबह 8 बजे शुरू हो गई थी. शुरूआत मे ं पोस्टल वोट गिने गए. इसके बाद ईवीएम में पडे वोटों की गिनती शुरू हुई.
* सभी उम्मीदवारों को एक माह का समय
चलो खत्म हो गया चुनाव. चार दिन आराम भी फरमा लिया. आचार संहिता भी खत्म हो गई. चुनाव के दौरान किसने कितना खर्च किया. इसको लेकर जिला प्रशासन शुक्रवार को सभी उम्मीदवारों को नोटिस जारी कर चुनाव में हुए खर्च का ब्यौरा मांगने जा रहा है. जिला चुनाव अधिकारी के मुताबिक चुनाव में खडे उम्मीदवारों तथा जिला प्रशासन के शेडो खर्च में लंबा फर्क है. इस लंबे खर्च का आना-पाई का हिसाब जिला चुनाव आयोग लेने जा रहा है. शुक्रवार से सभी उम्मीदवारों चुनाव खर्च के संबंध में 1 महिने की नोटिस पीरियड जारी किए जाएंगे.