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45 कर्मचारी और चार इंजीनियर जुटे रहे 9 घंटे काम में

मूसलाधार बारिश में चलता रहा युद्धस्तर पर रेलपटरी दुरुस्ती का काम

* चार ट्रॉली गिट्टी लाकर बिछाई गई
अमरावती/दि.11- माना-कुरुम के बीच झमाझम बारिश के कारण रेलपटरी के नीचे की गिट्टी भारी जलप्रवाह में बहने के बाद इस रेलमार्ग को पूर्ववत करने के लिए रेल प्रशासन को 9 घंटे लगे. भुसावल डिवीजन के चार इंजीनियर और 45 कर्मचारियों की सहायता से झमाझम बारिश में युद्धस्तर पर यह कार्य किया गया. इसके लिए चार बडी ट्रॉली गिट्टी भी लानी पडी. आखिरकार रात 3 बजे रेल यातायात पूर्ववत हुआ.
भुसावल डिवीजन के जनसंपर्क अधिकारी जीवन चौधरी व्दारा दी गई जानकारी के मुताबिक माना-कुरुम के बीच मूसलाधार बारिश के कारण खेतों में जलजमाव होने के बाद पानी कि निकासी के अभाव के कारण यह घटना हुई. पानी के तेज प्रवाह में पटरी के नीचे कि गिट्टी बह गई. यह घटना प्रकाश में आने के बाद रेल प्रशासन ने तत्काल दोनों तरफ का रेल यातायात रोककर भरी बारिश में युद्धस्तर पर कार्य शुरु किया. चार इंजीनियर और 45 कर्मचारियों की सहायता से इस काम को शुरु किया गया. सुनील वासेकर, मनोज त्रिपाठी (आजाद) समेत दो अन्य इंजीनियर इस दुरुस्ती अभियान में जुटे रहें. जहां से गिट्टी बह गई थी वहां पर चार बडी ट्रालियां रात के अंधेरे में लाकर गिट्टी बिछाई गई. पश्चात दुरुस्ती का काम पूर्ण होने पर रात 3 बजे रेल यातायात पूर्ववत किया गया.
* पहला ट्रायल रात 1.55 बजे लिया
रेलपटरी की दुरुस्ती के बाद रेल यातायात शुरु करने के पूर्व रेलवे अधिकारी और इंजीनियर ने रात 1.55 बजे मूसलाधार बारिश के दौरान पहले ट्रायल लिया. पश्चात सब कुछ ठिकठाक रहने पर 3 बजे 12102 (शालीमार-मुंबई लोकमान्य तिलक टर्मिनस) एक्सप्रेस को रवाना किया गया. पश्चात अन्य ट्रेन शुरु की गई. सुबह से सभी ट्रेनें नियमित चल रही थी.
* नागपुर-पुणे और विदर्भ एक्सप्रेस के रुट बदले गए
रेलपटरी के नीचे से गिट्टी बह जाने के कारण मुंबई और नागपुर की तरफ रेल यातायात रोक दिया गया था. अनेक ट्रेनें विविध स्टेशनों पर खडी रही. वहीं कुछ ट्रेन रद्द भी की गई. लेकिन विदर्भ एक्सप्रेस और नागपुर-पुणे सुपरफास्ट एक्सप्रेस के रुट बदलकर उन्हें नरखेड-इटारसी मार्ग से ेचलाया गया. साथ ही हिसार-सिकंदराबाद ट्रेन को नांदेड से भेजा गया. यह साप्ताहिक ट्रेन बडनेरा और वर्धा से गुजरती है.घटनास्थल पर कर्मचारियों व्दारा पटरी को दुरुस्त करने का काम युद्धस्तर पर जारी रखा गया. पश्चात रेलपटरी पर गिट्टी बिछाकर उसे दुरुस्त करने के बाद रेल अधिकारी व कर्मचारियों ने राहत की सांस ली. घटनास्थल पर काम में जुटे रेल कर्मचारी.

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