अमरावती

जिले में 45 माताओं की प्रसूति पश्चात मौत

कोरोना काल में विविध समस्याओं का सामना कर रहे हो

  • मेलघाट की 15 महिलाओं का समावेश

अमरावती/दि.24 – कोरोना काल में अमरावती जिले में सालभर में 45 माताओ की प्रसूति के बाद मृत्यु होने की नोंद जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग के पास हुई है. गर्भवती रहते समय बीमारी बढ रही थी, लेकिन कोरोना काल में उचित औषधोपचार न मिलने से कुछ गर्भवती माताओं की तथा कुछ प्रसूत महिलाओं की मृत्यु हुई है. इसमें अमरावती में सर्वाधिक 24 तथा मेलघाट की 15 महिलाओं का समावेश हैं.
माता मृत्यु टालने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से निरंतर प्रयास किये जा रहे है फिर भी मेलघाट में 15 व अमरावती में 24 माता मृत्यु की नोंद है. प्रसूति के दौरान विविध बीमारियों पर इलाज शुरु रहते समय 24 मार्च 2020 से देश में कोरोना के प्रतिबंध के लिए लॉकडाउन घोषित किया गया. जिससे अनेकों को समय पर औषधोपचार नहीं मिल पाया. इसके अलावा पैसों की व्यवस्था न हो पाने से और गांव कस्बे से वाहनों की सुविधा उपलब्ध न हो पाने से अनेकों को कोरोना काल में संघर्ष करना पडा.

डफरीन में 7 माता मृत्यु

जिला स्त्री अस्पताल में (डफरीन) वर्ष 2016-17 में छह माताओं की मृत्यु हुई. 2017-18 में छह तथा 2018-19 में सात, 2019-20 में पांच तथा 2020-21 में सात माता मृत्यु की जानकारी जिला स्त्री अस्पताल के वैद्यकीय सूत्रों ने दी.

मई महिने में सर्वाधिक आठ मृत्यु

मई 2020 में सभी ओर कडा लॉकडाउन शुरु था तथा सुपर स्पेशालिटी अस्पताल में कोविड मरीजों पर इलाज शुरु करने से किडनी के मरीजों को सुविधा नहीं मिल पायी. इसी में चिखलदरा स्थित प्रसूता उर्मिला अखंडे की 18 मई को मृत्यु हुई.

रक्तचाप सबसे बडा कारण

प्रसूति दौरान महिलाओं को विविध संकटों का सामना करना पडा है. किसी की पहली ही प्रसूति रहने से इस संकट का सामना करते समय उनका रक्तचाप बढ जाता है. ऐसी ही कैपॅसिटी लेवल कम रहने वाली माताओं को समय पर इलाज न मिलने से जान गवानी पडने का प्रकार मेलघाट में ज्यादा प्रमाण में घटीत हुआ.

महिना निहाय माता मृत्यु

अप्रैल 2020 2
मई 2020 8
जून 2020 5
जुलाई 2020 6
अगस्त2020 7
सितंबर2020 4
अक्तूबर2020 4
नवंबर 2020 3
दिसंबर2020 4
जनवरी2021 2

  • कोरोना का परिणाम जिला स्त्री अस्पताल की प्रसूति पर नहीं हुआ किंतु कुछ मरीज काफी जोखिम में समय में उपचारार्थ दाखिल होते है. तब इलाज को प्रतिसाद न मिलने से नागपुर अथवा अन्यत्र रेफर करना पडता है. इस बीच काफी प्रयासों के बाद भी कुछ प्रमाण में मृत्यु की घटना घटीत होती है.

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