अमरावती

महज दस दिनों में जिले के 4,638 मवेशी हुए लम्पी संक्रमित

अब तक 6,608 जानवर आये संक्रमण की चपेट में

159 जानवरों की हुई संक्रमण से मौत
अमरावती-/दि.1  करीब एक माह पूर्व मेलघाट क्षेत्र के एक गांव में कुछ पालतु मवेशी लम्पी स्कीन डीसीज नामक संक्रामक बीमारी की चपेट में आये थे और देखते ही देखते एक माह के भीतर जिले के 180 गांवों के 6,608 पालतु मवेशी इस बीमारी के संक्रमण का शिकार हुए. इसमें भी विशेष उल्लेखनीय है कि, विगत 21 सितंबर तक जिले में केवल 1,970 मवेशियों को लम्पी स्कीन डीसीज हुई थी और 30 सितंबर तक संक्रमित जानवरों की संख्या बढकर 6,608 पर जा पहुंची. यानी तमाम प्रतिबंधात्मक उपायों के बावजूद महज दस दिनों में 4 हजार 638 जानवर इस बीमारी के संक्रमण की चपेट में आये. वहीं विगत एक माह के दौरान लम्पी स्कीन डीसीज की वजह से 159 जानवरों की मौत हुई है. साथ ही राहतवाली बात यह भी है कि, इस दौरान 2 हजार 900 जानवर इस बीमारी के संक्रमण की चपेट में आकर इलाज पश्चात संक्रमण मुक्त हो गये है.
बता दें कि, विगत 31 अगस्त को मेलघाट क्षेत्र के धारणी व चिखलदरा तहसीलों सहित मध्यप्रदेश की सीमा से लगे चांदूर बाजार व अचलपुर तहसीलों के कुछ गांवों के जानवरों में लम्पी स्कीन डीसीज के लक्षण दिखाई दिये थे. परंतु अब जिले की सभी 14 तहसीलों के करीब 180 गांवों में इस बीमारी का संक्रमण पहुंच चुका है और अब तक करीब 6 हजार 608 जानवर इस बीमारी के संक्रमण की चपेट में आ चुके है. हालांकि समय पर इलाज मिलने के चलते 2 हजार 900 जानवर इस बीमारी के संक्रमण से मुक्त हो चुके है. वहीं 3 हजार 708 जानवरों का इस समय इलाज चल रहा है. साथ ही विगत एक माह के दौरान इस बीमारी की वजह से 159 जानवरों की मौत हो चुकी है.
उक्ताशय की जानकारी देते हुए पशु संवर्धन विभाग द्वारा बताया गया कि, लम्पी स्कीन डीसीज के संक्रमण को रोकने हेतु प्रतिबंधात्मक उपाय योजनाओं को प्रभावी तौर पर अमल में लाया जा रहा है. जिसके तहत सभी जानवरों का टीकाकरण किया जा रहा है. अब तक अमरावती जिले में 3 लाख 59 हजार जानवरों का टीकाकरण किया जा चुका है. वहीं अब भी 80 से 90 हजार जानवरों का टीकाकरण करना बाकी है. यद्यपि पशुसंवर्धन विभाग द्वारा प्रतिबंधात्मक टीकाकरण के जरिये लम्पी स्कीन डीसीज की बीमारी को नियंत्रित करने का दावा किया जा रहा है. लेकिन इसके बावजूद हाथ आये आंकडों को देखते हुए माना जा रहा है कि, यह बीमारी सभी तहसीलों के ग्रामीण क्षेत्रों में जानवरों के बीच बडी तेजी से फैल रही है. ऐसे में प्रतिबंधात्मक उपायों को और भी प्रभावी तरीके से अमल में लाये जाने की जरूरत है.

19 पशुपालकों को मिली नुकसान भरपाई
लम्पी स्कीन डीसीज से जानवरों की मौत होने पर सरकार ने संबंधित पशुपालकों को नुकसान भरपाई के तौर पर आर्थिक सहायता देने की बात कही है. जिसके लिए दुधारू जानवर हेतु 30 हजार रूपये, बैल हेतु 25 हजार रूपये तथा छोटे जानवर हेतु 16 हजार रूपये का मुआवजा दिया जाता है. जिले में अब तक लम्पी स्कीन डीसीज से 159 जानवरों की मौत हुई है. जिसके लिए प्रशासन को प्राप्त प्रस्तावों में से अब तक केवल 19 पशुपालकों को ही सहायता प्रदान की गई है. वहीं अन्य प्रस्तावों को विचाराधीन रखा गया है.

 पशुधन मृत्यु का प्रमाण अत्यल्प
लम्पी स्कीन डीसीज जानवरों में तेजी से फैलनेवाली संसर्गजन्य बीमारी है. हालांकि इस बीमारी की वजह से जानवरों की मृत्यु होने का प्रमाण बेहद कम है. बावजूद इसके पशुपालकों ने बेहद सतर्क रहकर अपने पालतु मवेशियों का ध्यान रखना चाहिए. यदि समय रहते जानवरों का पूरा खयाल रखा जाता है, तो उन्हें इस बीमारी के संक्रमण से बचाया जा सकता है.
– डॉ. संजय कावरे
जिला पशुसंवर्धन उपायुक्त

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