अमरावती/ दि.28 – जारी वर्ष के दौरान अमरावती जिले में रिश्वतखोरी के कुल 23 मामले उजागर हुए. जिनमें एन्टी करप्शन ब्युरो व्दारा 47 आरोपियों को रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया. इसमें लगभग सभी सरकारी महकमों के अधिकारियों व कर्मचारियों सहित कुछ निजी व्यक्तियों का समावेश रहा. ऐसे में कहा जा सकता है कि, लगभग सभी सरकारी महकमे भ्रष्टाचार के मकडजाल में फंसे हुए हैं.
उल्लेखनीय है कि, विगत लंबे समय से सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार की समस्या बनी हुई है और बिना ‘नकद नारायण’ का दर्शन कराये फाइल आगे नहीं बढती. कुल मिलाकर कई महकमों में भ्रष्टाचार एक आम चलन बन चुका है और ऐसे महकमों के अधिकारी व कर्मचारी रिश्वत स्वीकार करने के आदी हो चुके है. जिसकी वजह से आम नागरिकों को ऐसे महकमों में अपने काम करवाने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पडता है. जिससे तंग आकर कई बार लोग अपनी शिकायत लेकर भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग के पास पहुंचते है. रिश्वतखोरी से संबंधित शिकायत मिलने के बाद इस विभाग व्दारा पहले अपने स्तर पर मामले की जांच की जाती है और फिर रिश्वतखोरों को रंगेहाथ गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया जाता है. इसके तहत इस वर्ष एन्टी करप्शन ब्युरो ने कुल 23 मामलों में सफलतापूर्वक कार्रवाई करते हुए 47 आरोपियों को गिरफ्तार किया हैं. जिनमें तीन उच्च अधिकारी के साथ 25 अधिकारियों व कर्मचारियों तथा 19 निजी व्यक्तियों को रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया.
इन महकमों का रहा समावेश
जारी वर्ष के दौरान एसीबी व्दारा मनपा में 3, पुलिस विभाग में 3, ग्राम विकास विभाग में 3, राजस्व विभाग में 3, महावितरण में 2, जिला परिषद में 2, आदिवासी विकास विभाग में 1, भूमिअभिलेख विभाग में 1, शिक्षा विभाग में 1, वन विभाग में 1, पंचायत समिति में 1, नगर विकास विभाग में 1 व निर्माण कार्य विभाग में 1 कार्रवाई की गई.
संभाग में अमरावती सबसे आगे
संभाग के पांचों जिलों में अमरावती जिला रिश्वतखोरी के मामलों को लेकर सबसे आगे रहा. जहां पर जारी वर्ष के दौरान सर्वाधिक 23 मामले उजागर हुए. इसके अलावा वाशिम जिले में 15, यवतमाल में 10, अकोला में 8 व बुलढाणा में 7 मामलों में कार्रवाई की गई.
सजा का प्रमाण भी बढा
रिश्वतखोरी के मामले में हमेशा ही आरोपी रंगेहाथ गिरफ्तार होते है, लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें सजा होने का प्रमाण काफी कम रहता है. परंतु इस वर्ष ऐसे मामलों में सजा होने का प्रमाण भी बडा है. जिसके तहत अमरावती में 2, अकोला में 2 तथा वाशिम में 1 ऐसे संभाग के कुल 5 मामलों में आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई. इस समय अमरावती संभाग में रिश्वतखोरी के मामलों को लेकर सजा सुनाए जाने का प्रमाण 38.48 फीसदी है.