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47 हजार वर्ग फीट ओपन स्पेस मुक्त

मनपा ने जीती कानूनी जंग

* कोर्ट में खारिज किया वानखडे का दावा
अमरावती /दि.1- महापालिका ने जिला न्यायालय के पीछे कैम्प सुयोग कॉलोनी स्थित 47 हजार वर्गफीट से बडा स्पेस निजी कब्जे से मुक्त कराने में कानूनन सफलता प्राप्त कर ली. 10 वें सिविल जज वरिष्ठ श्रेणी आरबी राजा ने बुधवार को मनपा के पक्ष में फैसला सुनाते हुए वादी सत्यशील वानखडे का दावा डिसमिस कर दिया. इस मामले में मनपा की ओर विशेष वकील एड. ए. एन. जैन और पैनल एडवोकेट ऋषि छाबडा ने सफल, प्रभावी पैरवी की. इस मामले में विशाल ओपन स्पेस पर बनाए गये स्ट्रक्चर सहित स्पेस पर मनपा ने एक ही दिन में अपना आधिपत्य कर लिया था. सुयोग कॉलोनी के निवासियों के लिए यह जगह उपयोग में आ रही है.
* डहाके की संस्था से करार
इस मामले में महानगरपालिका का ओपन स्पेस पर लगभग 900 वर्ग फीट पर व्यायाम शाला बनाने का अनुबंध शिवसेना नेता दिगंबर डहाके की संस्था विदर्भ वीर मल्टीपर्पज एज्युकेशन सोसायटी के साथ किया था. किंतु करारानुसार ओपन स्पेस के उपर उल्लेखित क्षेत्र में व्यायाम शाला बनाई गई. वहां सत्यशील वानखडे को चौकीदार के रूप में देखरेख करने रखा गया.
* वानखडे ने कर लिया कब्जा
सत्यशील वानखडे ने पूरी जगह पर कब्जा कर लिया था. जबकि मनपा का करार संस्था से ऐसा था कि मनपा मेंटेनंस का शुल्क चुकायेगी. संस्था वहां ना नफा ना नुकसान आधार पर व्यायाम शाला संचालित करेगी. देखरेख के लिए संस्था ने वानखडे को नियुक्त किया था. मगर वानखडे ने पूरे 47 हजार वर्गफीट की जगह पर आधिपत्य कर लिया था.
* ताबा प्रोटेक्ट करने गया कोर्ट
वानखडे ने उपरोक्त ओपन स्पेस पर अपना दावा कानूनन मान्यता के लिए न्यायालय में अर्जी दी. मनपा के विरूध्द मुकदमा दायर किया. अनेक वर्षो तक तक मुकदमा चला. फिर मनपा की ओर से भी एड. जैन और एड. छाबडा ने पूरी तैयारी, दस्तावेजी सबूतों के साथ प्रत्येक सुनवाई में न्यायालय में मनपा का पक्ष प्रभावी रूप से रखा. उस जगह को लेकर न्यायालय ने जैसे थे स्थिति रखने के आदेश देेने से इंकार कर दिया. अंतत: बुधवार को कोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए वानखडे का दावा तथ्यहीन बताकर डिसमिस कर दिया. मनपा की 47 हजार वर्गफीट जगह और उस पर बनाई गई व्यायाम शाला का कब्जा मनपा के पास ही रहेगा.

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