* विद्यापीठ गेट के सामने तीव्र प्रदर्शन
* कामकाज ठप्प, एक्झाम पर भी होगा असर
अमरावती/ दि.20 – सातवां वेतन आयोग, जुनी पेंशन योजना, 10.20.30 लाभ योजना सहित 6 मुख्य मांगों को लेकर गत 2 फरवरी से आंदोलन कर रहे प्रदेश के विद्यापीठ और महाविद्यालय कर्मचारी आज से अनिश्चितकालीन हडताल पर चले गए. आज पूर्वान्ह संगाबा अमरावती विवि के मुख्य प्रवेश व्दार पर कर्मचारियों ने अपने पदाधिकारियों के नेतृत्व में जोरदार आंदोलन किया. कर्मचारी एकता जिंदाबाद और कर्मचारियों की होगी जीत के गगनभेदी नारे लगाएं. यह आंदोलन अमरावती अध्यक्ष अजय देशमुख, डॉ. नितीन कोली, शशिकांत रोडे, महासचिव नरेंद्र घाटोल, श्रीकांत तायडे, डॉ. विलास नांदूरकर की अगुआई में किया गया. सभी कर्मचारियों के साथ अनेक महाविद्यालयों के अधिकारी-कर्मी भी आंदोलन में शामिल है.
* कामकाज ठप्प
विद्यापीठ में लगभग 1410 अधिकारी-कर्मियों के आंदोलन से कामकाज पूृर्ण रूप से ठप्प हो गया है. इस हडताल का परीक्षाओं पर भी असर होने की पूर्ण संभावना है. बता दें कि, पिछले सप्ताह मंत्रालय में राज्य सरकार के संग बातचित का दौर चला था. सरकार ने सकारात्मक कदम का आश्वासन दिया. बावजूद इसके विद्यापीठ और कॉलेज के अधिकारी-कर्मचारी आंदोलन पर डटे हैं.
* क्या है कर्मचारियों की डिमांड
कर्मचारियों ने दावा किया कि, प्रदेश की सभी गैर कृषि विद्यापीठ के करीब 47 हजार अधिकारी और कर्मी इस आंदोलन में सहभागी हैं. जिससे राज्यस्तर पर परीक्षा का भी काम प्रभावित होगा. इन कर्मचारी संगठनों ने सेवांतर्गत आश्वासित प्रगति योजना को दोबारा लागू करने, सातवां वेतन आयोग की फर्क बकाया मंजूर करने, रिक्त पद भर्ती को मान्यता देने, सभी शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को सातवां वेतन आयोग मंजूर करने की मांग शामिल है. उनका कहना है कि, 15 फरवरी को प्रदेश के वित्त मंत्री और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ उनके बंगले मेघदूत पर कृति समिति पदाधिकारियों की सकारात्मक चर्चा हुई. फडणवीस ने सभी डिमांड मान्य कर ली. किंतु सचिवालय में बैठे अधिकारियों ने उसे योग्य न्याय नहीं देने और बैठक के निर्णय से विसंगत इतिवृत्त देने का आरोप किया है. समिति ने समाधानकारक इतिवृत्त देने की मांग आंदोलनकारी कर्मचारियों ने की हैं. आंदोलन पंडाल को नोटा संगठन के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण रघुवंशी ने भेंट दी तथा कर्मचारियों का हौसला बढाया.