अमरावती

वर्षभर में 47 बाघ कैमरे में कैद

मेलघाट में तेजी से बढ रही शावकों की संख्या

* 2 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला जंगल
अमरावती/ दि.18 – पश्चिम विदर्भ के प्रमुख टायगर प्रोजेक्ट मेलघाट का व्याघ्र संरक्षित क्षेत्र करीब 2 हजार वर्गमीटर में फैला है. विदर्भ के प्रमुख टायगर प्रोजेक्ट में जनवरी 2021 से अब तक 47 बाघ वन विभाग व्दारा लगाए गए ट्रैप कैमरे में कैद हुए है. वहीं विभिन्न कारणों के चलते इस बीच 14 वन्यप्राणियों की मौत हो गई. जिसमें दो बाघ, एक तेंदूआ, 5 भालू समेत 14 वन्यप्राणियों का समावेश है. खासतौर पर हाल ही में रायपुर सेक्टर में संदेहास्पद स्थिति में एक बाघा ही मृतावस्था में मिला था.
इसी तरह मेलघाट टायगर प्रोजेक्ट के वान व नरनाला क्षेत्र में बाघों के शावकों की संख्या काफी तेजी से बढ रही है, लेकिन जब तक शावक बडे नहीं होते तब तक व्याघ्र गणना में उनकी गिनती न किये जाने के कारण फिलहाल कितने शावकों की संख्या बढ गई है, उसकी अधिकृत जानकारी नहीं मिल पायी. जानकारी के अनुसार उत्तर में तापी नदी से सटकर मेलघाट टायगर प्रोजेक्ट की शुरुआत होती है. गुगामल राष्ट्रीय उद्यान, हरिसाल, कोलकास से लेकर उत्तर में वान, नरनाला तक करीब 2 हजार वर्गमीटर में मेलघाट का संरक्षित टायगर प्रोजेक्ट फैला हुआ है. इसमें लगे ट्रैप कैमरे में वर्ष 2021 से अब तक 47 बाघ कैद हुए है. एक तरफ मेलघाट के एक हिस्से में बाघ समेत अन्य वन्य प्राणियों की मौत हो गई है. वहीं अकोट तहसील से सटकर रहने वाले वान व नरनाला में बाघों के शावकों की संख्या बढ रही है.

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