अमरावती

482 गांवों को बाढ का खतरा

लाईफ गार्ड व लाईफ जैकेट सहित रबर बोट तैयार

* 1 जून से कार्यरत होगा जिला व तहसील राहत केंद्र
* शोध व बचाव पथक को दिया गया आपत्ति से निपटने का प्रशिक्षण
अमरावती/दि.28- मौसम विभाग द्वारा इस बार मान्सून के सही समय पर आने का अनुमान जताया गया है. जिसके चलते आगामी 1 जून से जिला एवं तहसील स्तर पर आपत्ति व्यवस्थापन व नियंत्रण कक्ष को चौबीसौ घंटे के लिए शुरू किया जायेगा, जो सितंबर माह के अंत तक कार्य करेगा. इस वर्ष जिले में नदी-नालों के किनारे रहनेवाले 42 गांवों के लिए बाढ का खतरा जताया गया है. इस बात के मद्देनजर जिला आपत्ति व्यवस्थापन कक्ष की अध्यक्ष व जिलाधीश पवनीत कौर ने सभी संबंधित महकमों की बैठक बुलाते हुए उन्हें अपडेट रहने का निर्देश दिया.
बता दें कि, नदियों के जलग्रहण क्षेत्र में अतिवृष्टि होने अथवा किसी बडे प्रकल्प के ओवरफ्लो होने पर उसका पानी नदी-नालों में छोडने पर बाढ की स्थिति बनती है. साथ ही पर्वतीय क्षेत्र में अतिवृष्टि होने तथा बडी नदियां पहले ही पूरी क्षमता से बहते समय उसमें मिलनेवाली छोटी नदियों का पानी अवरूध्द हो जाने की वजह से यह पानी गांव में प्रवेश कर जाता है और बाढवाले हालात बन जाते है. इसके अलावा पुराने हो चुके तालाब यदि कमजोर होकर उसके किनारों में दरार पड जाती है, तब भी आसपास स्थित गांवों में बाढ की स्थिति बन जाती है.

* किस तहसील के कितने गांवों को बाढ का खतरा
अमरावती –                62
तिवसा –                     45
भातकुली –                 34
दर्यापुर –                    48
अंजनगांव सुर्जी –       56
अचलपुर –                 57
चांदूर बाजार –           26
चांदूररेल्वे –               06
धामणगांव रेल्वे –     27
नांदगांव खंडेश्वर –     24
मोर्शी –                     38
वरूड –                      51
धारणी –                   08
चिखलदरा –             00

* पांच वर्ष में बाढ से हुई 71 मौतें
– क्या कहता है ग्राफ
11 – 2017
09 – 2018
12 – 2019
10 – 2020
22 – 2022

* 462 स्थानों पर गाज बचाव रोधक यंत्र
– जिले में सार्वजनिक लोकनिर्माण विभाग अंतर्गत रहनेवाली 12 सरकारी इमारतों में आसमानी गाज से बचाव करने हेतु विद्युत रोधक यंत्र लगाये गये है.
– साथ ही बीएसएनएल के जिले में स्थित सभी टॉवर पर भी आसमानी गाज से बचाव हेतु यंत्र लगाये जाने की जानकारी जिला प्रशासन द्वारा दी गई है.

* इन स्थानों पर आती है बाढ
बडी नदियों के जलसंग्रहण क्षेत्र में अतिवृष्टि होने पर नदी के मार्ग में पडनेवाले गांवों में बाढ का खतरा होता है. इसके अलावा संततधार बारिश व अतिवृष्टि की वजह से जलसंग्रहण प्रकल्प यानी बांध अगर पूरी क्षमता के साथ भर जाता है, तो नदी-नालों में उसका पानी छोडने पर बाढ आती है. साथ ही यदि बडी नदियां पहले ही अपनी पूरी क्षमता के साथ बह रही है, तो उनसे जूडनेवाली छोटी नदियों का प्रवाह अवरूध्द हो जाता है और गांव में यह पानी घुस जाता है.

* बचाव साहित्य वितरित
जिले के अचलपुर, दर्यापुर, मोर्शी, चांदुर रेल्वे व धारणी इन उपविभागों सहित चांदूर बाजार तहसली को खोज व बचाव साहित्य उपलब्ध कराया गया है.
– इसके तहत सभी उपविभागों को 12 लाईफ जैकेट, 12 लाईफ बॉय रिंग, 1 सर्च लाईट, 1 मेगा फोन, 1 पेटी तथा चांदूर बाजार तहसील को 5 लाईफ बॉय रिंग व 5 लाईफ जैकेट प्रदान किये गये है.

* 24 घंटे अलर्ट रहेंगे तहसील नियंत्रण कक्ष
– जिले की सभी तहसीलों में आगामी 1 जून से नियंत्रण कक्षों को शुरू कर दिया जायेगा, जो चौबीसौ घंटे शुरू रहेंगे. इन नियंत्रण कक्षों के लिए आवश्यक कर्मचारियों की नियुक्ति भी की जा चुकी है.
– इसके साथ ही जिला स्तर पर जिलाधीश कार्यालय में भी आपत्ति व्यवस्थापन कक्ष शुरू किया गया है. जहां पर चौबीसौ घंटे कर्मचारियों की ड्युटी रहेगी.

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