अमरावतीमहाराष्ट्र

मार्च माह के अंत तक 483 गांव में रहेगा सूखा

मई माह मेें जलकिल्लत की समस्या हो सकती है विकट, बारिश में कमी रहने का प्रमाण

* प्रशासन द्वारा 508 उपाय योजनाओं की मात्रा, 13 करोड की निधि कराई गई उपलब्ध
अमरावती /दि.8– इस बार जिले में औसत से कम बारिश होने के चलते भूगर्भ में जलपुनर्भरण नहीं हो पाया. जिसके चलते 13 तहसीलों में भूगर्भिय जल का स्तर तेजी के साथ घटा है. जिसके चलते जलस्त्रोत अभी से सूखने लगे, ऐसे में मार्च माह के अंत तक जिले के करीब 483 गांवों में पूरी तरह से सूखा पड जाने की संभावना है. जिसके चलते मई माह तक जलकिल्लत की समस्या भीषण हो सकती है. इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन द्वारा 508 उपाय योजनाओं का प्रमाण नियोजित किया गया है. जिस पर कम से कम 12.71 करोड रुपयों की निधि खर्च होने वाली है.

बता दें कि, इस बार मानसून के आगमन में 3 सप्ताह का विलंब हुआ था. साथ ही इसके बाद अगस्त माह में 21 से 25 दिन तक बारिश रुकी रही. जिसके चलते जिले में चांदूर बाजार के अलावा अन्य 13 तहसीलों में 31 फीसद बारिश की कमी रही. ऐसी स्थिति में जनवरी माह के अंत से जलस्त्रोत सूखे पडने लग गये, ऐसी स्थिति में जिला प्रशासन द्वारा दिये गये स्मरणपत्र के बाद ग्रामीण जलापूर्ति विभाग द्वारा कृति प्रारुप तैयार करने का काम किया गया. जनवरी से मार्च माह के अंत तक रहने वाले जलकिल्लत के दूसरे चरण में 483 गांवों को पानी की कमी का सामना करना पड सकता है. साथ ही मेलघाट में उंचाई पर स्थित कुछ गांवों में टैंकर के जरिए जलापूर्ति करनी पड सकती है. इस समय रबी सीजन के लिए भूगर्भीय जल का बेताहाशा दोहन किया जा रहा है. जिसके परिणाम स्वरुप आसपास स्थित जलस्त्रोतों में जलस्तर तेजी से घट रहा है.

* जलकिल्लत की योजना 90 फीसद पूर्ण
इस संदर्भ में जानकारी देते हुए जिलाधीश सौरभ कटियार ने बताया कि, संभावित जलकिल्लत के मद्देनजर जीवन प्राधिकरण व जिला परिषद जलापूर्ति विभाग की बैठक लेकर सभी कामों को तत्काल पूरा करने का निर्देश दिया गया है. जिसमें से अधिकांश काम 90 फीसद पूर्ण हो चुके है. वहीं शेष काम मार्च माह के अंत तक पूर्ण हो जाएंगे. इसके साथ ही जलजीवन मिशन के काम भी किये जा रहे है. साथ ही साथ जीवन प्राधिकरण की कुछ बडी योजनाओं के काम भी कुछ प्रमाण में पूरे हो चुके है. जिला प्रशासन ने तहसीलदारों को कुओं के अधिग्रहण व टैंकर के संचालन का अधिकार देने के साथ ही कामों को तत्काल पूर्ण करने का निर्देश दिया है.

* प्रकल्प में जल आरक्षण को लेकर संभ्रम
जलकिल्लत की स्थिति को ध्यान में रखते हुए जिले के प्रकल्पों में संभावित जरुरत के लिहाज से पानी आरक्षित रखा जाता है. जलसंपदा विभाग के प्रस्ताव पर जिला समिति की बैठक मेें चर्चा होकर कई गांव, शहर व मनपा क्षेत्र के लिए पीने के पानी सहित कृषि एवं औद्योगिक प्रयोग के लिए पानी का आरक्षण निश्चित किया जाता है. पालकमंत्री द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए इसे लेकर समिक्षा किये जाने की जानकारी सामने आयी है. हालांकि इसे लेकर जिला प्रशासन के पास रिपोर्ट अब तक अप्राप्त है.

* जिले में जलकिल्लत की संभावित स्थिति (मार्च माह तक)
जलकिल्लत की समस्या वाले गांव – 483
बोअरवेल व कुपनलिका का अधिग्रहण – 164
नल योजनाओं की दुरुस्ती – 168
कुओं का अधिग्रहण – 158
अस्थायी नल योजना – 05
संभावित टैंकर की जरुरत – 13
उपाय योजना पर अपेक्षित खर्च – 12.70

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