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एक मोटरसाइकिल समेत जिले में 49 वाहनों को ‘बीएच’ नंबर प्लेट

देश में कही भी उपयोग किया जा सकता है

* एक ही बार रोड टैक्स न भरते हुए हर दो वर्ष में भरना पडेगा
अमरावती/ दि.23 – नौकरी के कारण बार बार राज्य बदलने वाले अधिकारी, कर्मचारी व निर्धारित चार गुट के व्यक्तियों के लिए अब आरटीओ की ओर से ‘बीएच’ नंबर प्लेट देकर वाहन का रजिस्ट्रेशन करने की सुविधा उपलब्ध कराई है. यह नंबर प्लेट वाहन में हो तो देश के किसी भी राज्य में बिना परेशानी के यात्रा कर सकते है. इस दौरान जिले में अब तक 49 वाहनों को ‘बीएच’ नंबर प्लेट देकर आरटीओ कार्यालय में रजिस्ट्रेशन किया है. इसमें 48 कार व 1 मोटरसाइकिल का समावेश है, ऐसी जानकारी आरटीओ कार्यालय से प्राप्त हुई है.
भारत सरकार ने नॉन ट्रान्सपोर्ट वाहन के लिए ‘बीएच’ नंबर प्लेट याने भारत मालिका (सिरिज) शुरु की है. ‘बीएच’ नंबर प्लेट लगाने के बाद संबंधित वाहन एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के बाद वाहन पंजीयन हस्तांतरित करने की जरुरत नहीं है. खास बात यह कि, अब तक वाहन लेने के बाद उस वाहन का पंजीयन करते वक्त 15 वर्ष का रोड टेैक्स आरटीओ व्दारा भरवाया जाता है. यह रोड टैक्स राज्य में वाहन के कुल कीमत का 10 से 13 प्रतिशत लिया जाता है, मगर ‘बीएच’ नंबर प्लेट रजिस्ट्रेशन करते समय वाहन मालिक को दो ही वर्ष का रोड टैक्स भरना पडता है, परंतु हर दो वर्ष में संंबंधित वाहन मालिक को यह रोड टैक्स भरना पडेगा. जिसके कारण तुलना में वह कुछ अधिक रहेगा.
जिले में अब तक ‘बीएच’ सिरिज के 49 वाहन मालिकों ने पंजीयन कराया है. उन्हें आरटीओ की ओर से प्रदान किया गया है. इसमें 48 कार और एक मोटरसाइकिल का समावेश है. इन 49 वाहन मालिकों को इससे आगे देश के किसी भी कोने या कोई भी राज्य में जाने के बाद फिर संबंधित आरटीओ में जाकर पंजीयन नहीं करना पडेगा. या रास्ते से जाते समय संबंधित राज्य के पुलिस अथवा आरटीओ व्दारा रोककर दस्तावेज जांच व अन्य परेशानी होने की संभावना काफी कम है. सामान्य तौर पर कोई भी वाहन पर राज्य के तरीके के अनुसार नंबर प्लेट तैयार की जाती है. (उदाहरण : पहले राज्य के नाम के दो अक्षर, उसके बाद संबंधित जिले का आरटीओ कोड फिर संबंधित आरटीओ पंजीयन के अनुसार शुरु की गई सिरिज के दो अंगे्रजी अक्षर, उसके बाद चार क्रमांक) परंतु ‘बीएच’ नंबर प्लेट का स्वरुप पूरी तरह से अलग है. बीएच सिरज के लिए भी ‘एचएसआरपी’ नंबर प्लेट का उपयोग किया जाता है, मगर उसपर कोई भी राज्य के दो अक्षरों का उपयोग न करते हुए सीधे ‘बीएच’ (भारत) ऐसा उल्लेख कर चार अंक व क्रमांक सिरिज दी जाती है. यह क्रमांक देने के लिए केंद्र स्तर पर स्वतंत्र व्यवस्था है. संबंधित आरटीओ कार्यालय उस यंत्रणा से संपर्क कर वीएच क्रमांक देते है.

‘बीएच’ सिरिज का क्रमांक किसे मिल सकता है?
राज्य व केंद्र सरकारी कर्मचारी, अधिकारी, संरक्षण क्षेत्र के अधिकारी, संग्रहित कर्मचारी, बैंक कर्मचारी, अधिकारी और चार से अधिक राज्य या केंद्रशासित प्रदेश में विस्तार रहने वाले निजी कंपनी के कर्मचारी अधिकारी इस सिरिज के वाहन के लिए क्रमांक ले सकते है.

चार गुट के व्यक्ति पा सकते ‘बीएच’ नंबर प्लेट
‘बीएच’ नंबर प्लेट चार गुट के व्यक्तियों को उनकी मांग के अनुसार व नियमानुसार जरुरी दस्तावेज पेश कमने के बाद दी जाती है.
– रामभाऊ गिते, आरटीओ अमरावती

 

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