कैदियों की खातिरदारी के लिए रोज लगता है 493 किलो गेहूं और 257 किलो चावल
सजायाफ्ता, न्यायाधीन, खुले व नाबालिग कैदियों के आहार की अलग-अलग श्रेणी
अमरावती/दि.10 – अपने द्बारा किए गए अपराध की सजा भुगतने हेतु जेल में रखे जाने वाले कैदियों की जेल के भीतर सूर्योदय से सूर्यास्त के दौरान दिनचर्या पूरी तरह से निर्धारित होती है. जिसके तहत कैदियों को उनकी बैरक से सुबह कितने बजे बाहर निकाला जाएगा, उन्हें नाश्ते व भोजन में रोजाना क्या परोसा जाएगा और शाम कितने बजे बैरक में भेजा जाएगा. आदि को लेकर नियमावली पहले से तय होती है. चूंकि इस समय 973 कैदियों को रखने की क्षमता रहने वाली अमरावती सेंट्रल जेल में 1527 कैदी रखे गए है. जिनके भोजन हेतु जेल में रोजाना 493 किलो गेहूं व 257 किलो चावल की जरुरत पडती है.
बता दें कि, जेल में रखे जाने वाले सजायाफ्ता कैदियों के साथ-साथ विचाराधीन कैदियों के लिए मानवाधिकार आयोग के नियमानुसार दोनों समय के चाय-नाश्ते व भोजन की व्यवस्था की जाती है. जिसके तहत उन्हें डॉक्टर की सलाह के अनुसार पोषाहार दिया जाता है. इसके अलावा प्रार्थना व क्रीडा गतिविधियां भी की जाती है. इन दिनों अपराधिक मामले बढ जाने के चलते जेलों में कैदियों की भीड भी बढ गई है और जेलों में क्षमता से अधिक कैदी रखे गए है. जिसमें अमरावती सेंट्रल जेल का भी समावेश है. तय क्षमता से अधिक कैदी रखे जाने के चलते अमरावती सेंट्रल जेल का नियोजन भी पूरी तरह से गडबडा गया है और अपर्याप्त मनुष्यबल के दम पर जेल की सुरक्षा व्यवस्था को संभाले रखना काफी मुश्किल काम हो रहा.
* क्षमता 973 कैदियों की
स्थानीय मध्यवर्ती कारागृह में 973 कैदियों को रखे जाने की व्यवस्था है. परंतु फिलहाल इस जेल मेें 1,527 कैदियों को रखा गया है. जिनमें 1,476 पुरुष व 49 महिलाओं के साथ ही 2 बच्चों का भी समावेश है. तय क्षमता की तुलना में कैदियों की संख्या लगभग 2 गुना अधिक रहने के चलते सेंट्रल जेल प्रशासन द्बारा किया जाने वाला पूरा नियोजन गडबडा जाता है.
* 1,476 पुरुष व 49 महिला कैदी
अमरावती सेंट्रल जेल में इस समय 1,476 पुरुष तथा 49 महिला कैदी है. जिनमें आजीवन कारावास, सश्रम कारावास, मकोका, एमपीडीए, नक्सलवादी, विदेशी व एनडीपीएस के आरोपियों का समावेश है.
* हत्या के मामले वाले 200 कैदी
मध्यवर्ती कारागार में हत्या के अपराध की वजह से पकडे गए और सजा सुनाए गए 185 पुरुष कैदी है. जिनमें से कुछ कैदियों को सुरक्षा की दृष्टि के मद्देनजर अन्य राज्यों की जेलों से यहां पर भेजा गया है. इसके अलावा 15 महिला कैदियों पर भी हत्या का अपराध दर्ज है. जिसमें से कुछ पर फिलहाल अदालत में मुकदमे चल रहे है.
* एक कैदी को दी जाने वाली दैनिक खुराक
मध्यवर्ती कारागार में प्रत्येक कैदी को 3 चपाती, 200 ग्राम दाल, 145 से 165 ग्राम भात व लगभग इतनी ही सब्जी तथा 100 मिली दुध व चाय की खुराक दी जाती है. इसके साथ ही जेल में कैदियों को पौष्टिक आहार के तौर पर अंडे व केले भी दिए जाते है.
* जेल में कैदियों को भोजन, दुध, केले व अंडे देने का प्रमाण और नियम पहले से तय किया गया है. जिसका कडाई के साथ पालन किया जाता है. साथ ही कैदियों को नाश्ते में पोहा, उपमा या हलवा दिया जाता है. इसके अलावा बीमार रहने वाले कैदियों या गर्भवती महिला कैदियों को डॉक्टर की सलाह के अनुसार डायट दिया जाता है. परंतु इस समय जेल में क्षमता से अधिक कैदी रहने के चलते इस हेतु किए जाने वाले नियोजन पर काफी बोझ पड रहा है.
– कमलाकर मिरासे,
वरिष्ठ जेल अधिकारी,
अमरावती सेंट्रल जेल.