अमरावती/दि.२९ – आयकर अदा करते रहने के बावजूद जिले के ६४९३ किसानों ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का लाभ लिया है. ऐसे किसानों को ५ करोड १७ लाख २२ हजार रूपये सरकारी तिजोरी में वापिस करने होंगे. बता दें कि, जिले में ३ लाख ३१ हजार ९९ किसानों को इस योजना के लिए पात्र माना गया है. जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा २ हजार रूपये की तीन किश्तों के हिसाब से सालाना ६ हजार रूपये प्राप्त होते है और अब तक इन पात्र किसानों को ६ किश्तें दी जा चुकी है. इसी बीच पता चला कि, कई आयकरदाता किसानों के नाम भी इस योजना में शामिल हो गये है. ऐसे में उन्हें इस योजना के लिए अपात्र घोषित करते हुए उनसे इस योजना के तहत दी गई रकम की वसूली की प्रक्रिया शुरू की जा रही है.
करदाता रहने के बाद भी लाभ
आयकर विभाग द्वारा करदाता किसानों के नाम जिला प्रशासन को सुचित किये गये है. जिसके मुताबिक ६४९३ किसान करदाता रहने की जानकारी सामने आयी है. जिनसे नोडल अधिकारी द्वारा रकम वसूल करने की कार्रवाई शुरू की गई है. इस संदर्भ में कृषि आयुक्तालय की ओर से एक पत्र भी जारी किया गया है.
अदा किये गये कर की जानकारी लेना शुरू
आयकर अदा करनेवाले किसानों की जानकारी जिला प्रशासन को प्राप्त हो गयी है. जिसके बाद अब इस बात की जानकारी को संकलित किया जा रहा है कि, इन किसानों द्वारा प्रतिवर्ष कितना आयकर भरा जाता है.
राजस्व विभाग द्वारा तहसील स्तर पर प्रक्रिया
राजस्व विभाग द्वारा यह प्रक्रिया तहसील स्तर पर शुरू की गई है. हालांकि इसके लिए अब तक कोई निश्चित कालमर्यादा तय नहीं की गई है.
- २५७५८८ किसानों को पीएम किसान सम्मान योजना का लाभ दिया गया.
- ७६०३ किसानों को पैसे वापिस करने होंगे.
- ६४९३ किसान करदाता रहने के कारण उन्हें पैसे लौटाने होेंगे.
- १८०६ किसानों को अन्य कारणों के चलते अपात्र घोषित किया गया.
अपात्र ठहराने के अन्य भी कई कारण
– नौकरी, पेन्शन, परिवार में एक से अधिक व्यक्तियों को योजना का लाभ, योजना अंतर्गत अधूरी जानकारी पेश करने, आधारकार्ड या बैंक अकाउंट के लिंक न रहने, गलत जानकारी भरने, एक ही व्यक्ति द्वारा दो बार लाभ लेने तथा कर पात्र रहने की जानकारी छिपाने जैसे विविध कारणों के चलते कई किसानों को इस योजना हेतु अपात्र ठहराया गया है.
आवश्यक जांच की जायेगी
इस मामले में जरूरी प्रक्रिया शुरू की गई है और ऐसे खातों की तहसीलदारों द्वारा जांच की जायेगी. साथ ही यदि कोई इस योजना के मानकों में अपात्र पाया जाता है, तो उन्हें अब तक प्राप्त सहायता राशि सरकारी तिजोरी में वापिस करने हेतु पत्र दिया जायेगा.
– शैलेश नवाल जिलाधीश, अमरावती.