नानी का हसन हत्याकांड में 5 आरोपियों को उम्रकैद
न्या. मोडक की अदालत ने सुनाया फैसला
* 25 नवंबर 2019 को हुई थी शेख हसन की हत्या
* सन 2007 में घटित सल्लू की हत्या का बदला लेने मारा गया था हसन को
* सल्लू के बेटों ने अपने साथियों के साथ घेरकर धारदार हथियारों से उतारा था मौत के घाट
* जाफरजीन प्लॉट परिसर में घेरकर मारा गया था शेख हसन को
* कुल 8 आरोपी हुए थे मामले में नामजद, एक की हुई थी मौत, दो हुए बाइज्जत बरी
* सै. फैजान उर्फ छोटा रिचार्ज की सुनवाई के दौरान हो गई थी मौत
* एमपीडीए के तहत छोटा रिचार्ज रखा गया था सेंट्रल जेल में
* फैसला सुनने अदालत में दोनों पक्षों की रही भारी भीड, थोडा तनावपूर्ण रहा वातावरण
* अदालत परिसर में पुलिस ने एहतियातन लगा रखा था बंदोबस्त
* सरकारी वकील एड. दिलीप तिवारी की पैरवी रही सफल
* कोतवाली के पीएसआई गजानन राजमल्लू ने की थी जांच
अमरावती/दि.21 – वर्ष 2019 में 25 नवंबर को जाफरजीन प्लॉट परिसर में घटित हुए नानी का हसन उर्फ शेख हसन शेख हुसैन हत्याकांड में नामजद 8 आरोपियों में से 5 आरोपियों को आज न्या. मोडक की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई. साथ ही उन पर 75000 रुपयों का जुर्माना भी लगाया. वहीं दो आरोपियों को पर्याप्त सबूतों के अभाव में बाइज्जत बरी कर दिया गया. जबकि इस मामले में नामजद रहने वाले सैय्यद फैजान उर्फ छोटा रिचार्ज नामक आरोपी की एमपीडीए के तहत सेंट्रल जेल में स्थानबद्ध रहने के दौरान बीमार पड जाने की वजह से मौत हो गई थी. आज इस बहुचर्चित मामले का फैसला सुनने हेतु अदालत परिसर में दोनों पक्षों के लोगों का जमावडा लगा हुआ था और अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने के बाद दोनों पक्षों के बीच तनातनी होने की पूरी उममीद थी. ऐसे में पुलिस द्वारा पहले से ऐहतियात के तौर पर अदालत परिसर में अतिरिक्त बंदोबस्त तैनात कर रखा गया था और अदालत द्वारा फैसला सुनाये जाते ही सभी आरोपियों को कडी सुरक्षा के बीच अदालत परिसर से जेल रवाना कर दिया गया. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अतिरिक्त सरकारी अभियोक्ता एड. दिलीप तिवारी द्वारा सफलतापूर्वक पैरवी की गई. जिन्हें मामले की पैरवी दौरान एड. नरेंद्र दुबे व एड. श्वेता आचार्य का भी सहयोग मिला. साथ ही इस मामले में जांच अधिकारी के तौर पर कोतवाली पुलिस की तत्कालीन पीएसआई गजानन राजमल्लू व कोर्ट पैरवी अधिकारी पोहेकां अरुण हटवार की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही.
बता दें कि, वर्ष 2007 में हुए सल्लू हत्याकांड के मामले में मुख्य आरोपी रहने वाले नानी का हसन उर्फ शेख हसन शेख हुसैन (45, आजाद नगर) को अदालत में बाइज्जत बरी कर दिया था. शेख हसन का शहर के अंडरवर्ल्ड के दुनिया में अच्छा खासा दबदबा माना जाता था और उस के खिलाफ हत्या-हत्या के प्रयास मारपीट, गांजा तस्करी, वरली मटका व जुआ जैसे अपराधों को लेकर गंभीर किस्म के कई मामले दर्ज थे. सल्लू हत्याकांड से शेख हसन के बाइज्जत बरी हो जाने के चलते सल्लू के बेटों ने शेख हसन का गेम बजाते हुए अपने पिता की मौत का बदला लेने की सोची. जिसके तहत सल्लू के बेटों ने अपने कुछ साथिदारों के साथ मिलकर योजना बनाई. इसी दौरान 25 नवंबर 2019 को शेख हसन अपनी सफेद रंग की एक्टीवा पर सवार होकर अदालत में एक मामले की तारीख पर हाजिर होने के लिए पहुंचा. लेकिन बीच रास्ते में उसकी दुपहिया खराब हो गई, तो उसने अपने दुपहिया को इर्विन चौक पर एक मैकेनिक के यहां सुधारने के लिए डाला और अपने दोस्त सुहास खुरखुरिया को बुलाकर अदालत पहुंचा. जहां से अदालत का काम निपटाने के बाद शेख हसन वहां से वापिस सुभाष खुरखुरिया के दुपहिया पर बैठकर जाफरजीन प्लॉट परिसर स्थित दरगाह के पास पहुंचा. ठीक इसी समय एक ऑटो ने सुभाष की दुपहिया को ओवरटेक कर दुपहिया के ठीक सामने ब्रेक लगाया. जिससे सुभाष को भी अचानक बे्रेक मारकर अपनी दुपहिया रोकनी पडी और उसका संतुलन बिगडा. इतनी ही देर में ऑटो में सवार 5 से 6 युवक नीचे उतरे और उन्होंने सुभाष और हसन की आंखों में मिर्च पॉउडर फेंकने के साथ ही शेख हसन पर चाकू, कोयता व लोहे का टॉमी से सपासप वार करने शुरु किये. जिससे शेख हसन का सिर पूरी तरह से फट गया और उसका भेजा निकलकर बाहर आ गया. इस दौरान सुभाष खुरखुरिया जैसे-तैसे अपनी जान बचाकर पास ही स्थित कपास की गोदाम की ओर भागा और वहां छिप गया. उधर शेख हसन पर करीब 5 से 7 मिनट तक धारधार हथियारों से प्राणघातक हमलें करने के बाद सभी हमलावर मौके से भाग निकले, तो सुभाष खुरखुरिया ने पूरे मामले की जानकारी शेख हसन के मामा शेख अमीन शेख बल्लू व भानजे मोमीन अब्दूल शकुद्दीन को दी. जिसके बाद मौके पर लहूलुहान पडे शेख हसन को इर्विन अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. पश्चात कोतवाली पुलिस ने महज एक घंटे के भीतर शेख सल्लू के दो बेटों सहित 6 हमलावरों को गिरफ्तार किया था. जिनमें एक नाबालिग का भी समावेश था. पकडे गये आरोपियों में शेख इरफान शेख अयुब (35), शेख वसीम शेख गफ्फार (25), शेख शाहरुख शेख सलीम उर्फ सल्लू (24), शेख रिजवान उर्फ गोलू शेख अयुब (25), शेख सलमान शेख सलीम उर्फ सल्लू (25, सभी खुर्शिदपुरा निवासी) सहित एक नाबालिग को गिरफ्तार किया था. साथ ही आगे चलकर इस मामले में सैय्यद फैजान उर्फ छोटा रिचार्ज सैय्यद शफीक (25, ताज नगर), शेख आबिद शेख अजीम (30, आजाद नगर) व नौशाद शाह मुश्ताक शाह (30, अंसार नगर) को भी गिरफ्तार किया गया था. साथ ही साथ हसन हत्याकांड के चलते शहर में किसी भी तरह का कोई गैंगवार न भडके, इस बात के मद्देनजर पुलिस द्वारा शहर में अच्छा खासा बंदोबस्त लगाने के साथ ही घटनास्थल के आसपास लगे. सीसीटीवी कैमरों के फूटेज जब्त करते हुए मामले की जांच शुरु की थी और जांच पूरी होने के उपरान्त अदालत में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की थी. जिस पर न्या. मोडक की अदालत में सुनवाई पूरी होकर आज हसन हत्याकांड मामले का फैसला सुनाया गया.
अपने फैसले में अदालत ने आरोपी शेख इरफान शेख अयुब (35), शेख वसीम शेख गफ्फार (25), शेख शाहरुख शेख सलीम उर्फ सल्लू (24), शेख रिजवान उर्फ गोलू शेख अयुब (25) व शेख सलमान शेख सलीम उर्फ सल्लू (25, सभी खुर्शिदपुरा निवासी) को शेख हसन की हत्या का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाने के साथ ही उन पर अलग-अलग धाराओं के तहत 7500 रुपयों का जुर्माना भी लगाया. वहीं शेख आबिद शेख अजीम (30, आजाद नगर) व नौशाद शाह मुश्ताक शाह (30, अंसार नगर) को पर्याप्त सबूतों के अभाव में हत्या के आरोप से बाइज्जत बरी कर दिया गया. जबकि इस मामले में नामजद रहने वाले सैय्यद फैजान उर्फ छोटा रिचार्ज सैय्यद शफीक (25, ताज नगर) की इससे पहले ही एमपीडीए एक्ट के तहत सेंट्रल जेल में स्थानबद्ध रहने के दौरान बीमारी के चलते मौत हो गई थी.