आत्मा का 5 दिवसीय प्रशिक्षण
गोकुलम गौरक्षण संस्था

* राष्ट्रीय नैसर्गिक खेती अभियान
अमरावती/ दि. 27– गोकुलम गोरक्षण संस्था नांदुरा बुं. में कृषी तंत्रज्ञान व्यवस्थापन यंत्रणा (आत्मा) अमरावती द्वारा राष्ट्रीय नैसर्गिक कृषि अभियान अंतर्गत कृषी सखी (सी.आर.पी.) े पाच दिनों का प्रशिक्षण कार्यक्रम गोकुलम गोरक्षक संस्था नांदुरा में शुरू हुआ. राष्ट्रीय नैसर्गिक कृषि अभियान अंतर्गत ली जायेगी. इस प्रशिक्षण में नैसर्गिक कृषि का महत्व? नैसर्गिक क्यों आवश्यक हैं.
रासायनिक खाद का दुष्परिणाम या संदर्भात मार्गदर्शन किया जायेगा. नैसर्गिक खेती में लगने वाले घटक इसमें विविध खाद गांडूळ खाद कंपोस्ट खाद अन्य खाद . उसी प्रकार नैसर्गिक खेती में लगनेवाले किट नियंत्रक उसमें दशपर्णी, जीवामृत, बिजामृत , गोकृपा अमृत के मार्गदर्शन व प्रत्यक्ष प्रात्यक्षिक या शिबिर में होगा. उसी प्रकार अंतर फसल तणनाशक इस संदर्भात में भी इस शिविर में प्रशिक्षण दिया जायेगा. इस शिविर में कृषी सखी के रूप में प्रशिक्षण लेने के लिए मेलघाट में धारणी, चिखलदरा व तिवसा या तहसील में 30 सखियों का सहभाग हुआ हैं. हे. या पाच दिवसीय शिविर में नैसर्गिक क्षेत्र में काम करनेवाले. दिनेश डोंगरे, डॉ राधेश्याम बहादुरे, श्री राठोड, डॉ.सुनील सूर्यवंशी, श्री विरेंद्र कोरे व विविध तज्ञ मार्गदर्शन करेंगे. . श्री विवेक टेकाले (प्रकल्प उपसंचालक आत्मा) उसी प्रकार प्रमोद दुबे, सचिन हिरले, दीपक इंगोले व अभिषेक मुरके की प्रमुख उपस्थिती में इस शिविर का उद्घाटन हुआ. इस शिविर में अर्चना निस्ताने (प्रकल्प संचालक आत्मा अमरावती) श्री विनय बोथरा (ट्रस्टी गोकुलम गोरक्षक संस्था) भेट देंगे.