5 घंटे की हडताल से निकला समाधान, दो-दो माह का भुगतान होगा अदा

* मनपा करेगी पांचो जोन के लिए करीब 4 करोड का भुगतान
* ठेकेदारों ने घंटागाडियों को खडा कर दिया था मनपा में
* निगमायुक्त को दिया था कल से बेमियादी कामबंद का अल्टीमेटम
* सफाई ठेकेदारों के मनपा पर बकाया है कुल 35 करोड रुपए प्रतिनिधि/दि.6
अमरावती/दि.7 – 8 माह से सफाई ठेकेदारों का वेतन बकाया रहने से आज शुक्रवार 6 जून को मनपा के सफाई ठेकेदारों ने आक्रामक रवैया अपनाते हुए कचरा संकलन के काम हेतु प्रयुक्त होनेवाली अपनी-अपनी घंटा गाडियों को मनपा मुख्यालय में लाकर खडा कर दिया था. साथ ही निगमायुक्त को कल से बेमियादी कामबंद आंदोलन करने की चेतावनी भी दी थी. जिससे मनपा प्रशासन में अच्छा-खासा हडकंप व्याप्त हो गया था. इस समय सफाई ठेकेदारों का कहना था कि, उन्हें फिलहाल केवल दो माह का बकाया भी तत्काल अदा किया जाता है तो वे अपनी हडताल को पीछे लेने हेतु तैयार है. अन्यथा कल शनिवार 7 जून से शहर के पांचों झोन की घंटागाडी और ट्रक मनपा में लाकर खडे कर बेमियादी हडताल शुरु कर देंगे. जिसके बाद मनपा प्रशासन ने तुरंत ही सफाई ठेकेदारों के साथ चर्चा करते हुए उन्हें 8 में से दो-दो माह का बकाया भुगतान अदा करने की तैयारी दर्शायी और आनन-फानन में करीब 4 करोड रुपयों का भुगतान सफाई ठेकेदारों को किया गया. जिसके चलते लगभग पांच घंटे तक चली इस हडताल को सफाई ठेकेदारों ने पीछे ले लिया.
अमरावती मनपा में झोन के मुताबिक सफाई का ठेका दिया गया है. शहर के झोन नंबर-1 और 5 का सफाई का ठेका राजेश गुप्ता के पास है. पांचों झोन में घर-घर से कचरा इकठ्ठा करने के 136 वाहन और कंपोस्ट डिपो कंटेनर ले जाने के लिए 50 ट्रक है. ठेकेदारों का कहना था कि, ठेका लेते समय उन्होंने वाहन फाइनांस पर लिये है. इन सभी वाहनों को और ट्रकों को हर दिन 22 लाख रुपए का डीझल लगता है. साथ ही फाइनांस पर लिये वाहनों की हर माह किश्त अदा करना और सफाई कर्मियों को वेतन अदा करने की जिम्मेदारी उन पर है. हर माह का खर्च उनका 2 करोड 80 लाख रुपए है. ऐसे में नवंबर 2024 से उन्हें अभी जून 2025 शुरु रहने के बावजूद वेतन नहीं मिल पाया है. प्रत्येक झोन का करीबन 7 करोड रुपए मनपा की तरफ बकाया है. कर्मचारियों का वेतन अदा करने और वाहनों में डीजल डालने के लिए उन्होंने लोगों से ब्याज से पैसे निकालकर और बैंकों से कर्ज ले रखा है. इसके लिए उनके मकान से लेकर सभी संपत्ति गिरवी है. इस कारण कर्ज से थोडी राहत पाने के लिए सफाई ठेकेदारों ने मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे से आठ माह में से केवल दो माह का बकाया वेतन अदा करने की मांग की है. उनका कहना था कि, एक साथ वे सभी ठेकेदारों को बकाया वेतन अदा नहीं कर सकते, तो एक-एक ठेकेदार का बकाया अदा किया जाये.
आज इसी मांग को लेकर झोन नंबर-1 और 5 के ठेकेदार राजेश गुप्ता ने अचानक सफाई ठेके का काम बंद कर अपनी घंटागाडियां मनपा के मुख्य कार्यालय परिसर में लाकर खडी कर दी. साथ ही सफाई कर्मी भी वहां इकठ्ठा हो गये. जिसससे कुछ समय के लिए तनाव निर्माण हो गया. घटना की जानकारी मिलते ही कोतवाली के थानेदार मनोहर कोटनाके अपने दल के साथ मनपा कार्यालय पहुंच गये. पश्चात सफाई ठेकेदार कर्नल कलोती, सचिन भेंडे और राजेश गुप्ता ने मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे से मुलाकात की. इस अवसर पर अतिरिक्त आयुक्त महेश देशमुख, शिल्पा नाईक, उपायुक्त डॉ. मेघना वासनकर भी उपस्थित थे. इन सफाई ठेकेदारों ने मनपा आयुक्त सचिन कलंत्रे के समक्ष अपनी आर्थिक व्यथा प्रस्तुत की. मनपा आयुक्त का कहना था कि, वे तत्काल एक माह का वेतन अभी अदा कर सकते है, लेकिन ठेकेदारों का कहना था कि, उन्हें कम से कम दो माह का बकाया चाहिए. अन्यथा वे शहर के पांचों झोन का सफाई कामकाज शनिवार 7 जून से बंद कर देंगे. पश्चात मनपा आयुक्त ने तुरंत ही इस समस्या का समाधान निकालने का आश्वासन देते हुए 8 माह के बकाया भुगतान में से पांचों जोन के सफाई ठेकेदारों को दो-दो माह का बकाया भुगतान अदा करने की तैयारी दर्शायी. जिसके चलते सफाई ठेकेदारों की हडताल पांच घंटे के बाद समाप्त हुई.
* दो माह का झोन निहाय होता है 1.80 करोड रुपए
ठेकेदार राजेश गुप्ता का अमरावती मंडल से कहना था कि, उनका दो माह का बकाया 1 करोड 80 लाख रुपए होता है. वे मनपा से ज्यादा पैसा नहीं मांग रहे है. हर ठेकेदार आर्थिक परेशानी में है. हर दिन का खर्च कहां से लाना यह उनके सामने सबसे बडी चिंता है. इस कारण मनपा आयुक्त ने हमारी परेशानी समझकर कम से कम दो माह का बकाया तत्काल अदा करना चाहिए.
* स्थायी कर्मचारियों का एक माह का वेतन रोके
सफाई ठेकेदार और मनपा के विभिन्न विभागों में कार्यरत ठेका कर्मचारियों का कहना है कि, मनपा के स्थायी कर्मचारियों का यदि एक माह का वेतन रोका गया और सभी को बकाया वेतन अदा किया, तो इस समस्या का निवारण हो सकता है, लेकिन स्थायी कर्मचारियों को हर माह नियमित रुप से वेतन अदा किया जा रहा है. मनपा आयुक्त सफाई कर्मी और ठेकेदारों की यह मांग सुनने तैयार नहीं है. मनपा आयुक्त का कहना है कि, कर्मचारियों की वह बडी यूनियन है. जीएसटी के पैसों का इस्तेमाल कर उन्हें यह वेतन दिया जाता है, लेकिन ठेका कर्मियों को वेतन नहीं दिया जाता.

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