शिक्षक बैंक के 5 अपात्र संचालकों को मंत्री से भी नहीं मिली राहत
अमरावती/दि.23– स्थानीय जिला परिषद शिक्षक सहकारी बैंक में अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर चुके पांचों संचालकों को राज्य के सहकार मंत्री ने भी राहत देने से इंकार कर दिया है. जिसके चलते उन पांचों संचालकों के खिलाफ हुई अपात्रता की कार्रवाई कायम रहेगी.
बता दें कि, शिक्षक सहकारी बैंक में विपक्ष से वास्ता रखने वाले प्रभाकर झोड, संजय नागे, मंगेश खेरडे, मनोज चोरपगार व गौरव काले इन पांचों संचालकों के खिलाफ सत्ताधारी संचालकों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पारित करते हुए उन्हें बैंक के संचालक पद से हटा दिया गया था. जिसके खिलाफ इन पांचों संचालकों ने सहकार मंत्री के पास गुहार लगाई थी. परंतु उन्हें सहकार मंत्री की ओर से भी कोई राहत नहीं मिली.
ज्ञात रहे कि, जिला परिषद शिक्षक सहकारी बैंक में सत्ताधारियों व विपक्ष के बीच विगत लंबे समय से शह और मात वाली राजनीति चल रही है. कुछ माह पूर्व बैंक के सत्ताधारी गुट ने विरोधी गुट से वास्ता रखने वाले 5 संचालकों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित करते हुए उन्हें संचालक पद हेतु अपात्रता घोषित कर दिया था. जिसके चलते अब विपक्ष द्वारा सत्ताधारी दल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया है. जिससे सत्ताधारियों की दिक्कतें बढ गई है. ऐसे में बैंक के सामान्य सदस्यों में बैंक के कामकाज को लेकर विविध चर्चाएं चल रही है.
वहीं दूसरी ओर जिला परिषद शिक्षक सहकारी बैंक के सेवानिवृत्त हो चुके सदस्यों को नाममात्र करने के मुद्दे पर सहकार मंत्री ने कुछ दिन पहले के आदेश मंजूर करते हुए उस पर पुनर्निणय लेने का निर्देश विभागीय सहनिबंधक को दिया था. बैंक के अध्यक्ष सहित दो संचालक कुछ माह पहले ही सेवानिवृत्त हो जाने के चलते यह आदेश उनके लिए भी खतरनाक माना जा रहा है. इन सबके बीच शिक्षक सहकारी बैंक के सत्ताधारी दल द्वारा अविश्वास प्रस्ताव पारित कर अपात्र ठहराये गये विरोधी गुट के पांचों संचालकों को सहकार विभाग से कोई राहत नहीं मिली है. बल्कि सहकार मंत्री द्वारा उन पांचों संचालकों के पुनर्निरीक्षण आवेदन को खारिज कर दिये जाने के चलते उनकी अपात्रता पर मुहर लग गई है.
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