अमरावती

5 लाख से महंगा हुआ 1 हजार चौरस फीट का घर

निर्माण साहित्य के दाम कई गुना बढने का असर

* नियंत्रण के लिए केंद्रीय प्राधिकरण स्थापित करने की मांग
अमरावती/दि.15– विगत 3 से 4 महिने में सभी निर्माण साहित्यों के दाम कई गुना बढ गये है. जिससे 1 हजार चौरस फीट के घर के लिए 5 लाख रुपए अधिक देने पडेंगे. कोरोना के बाद घरों की कीमते कम होगी, ऐसा माना जा रहा था. लेकिन महंगाई ने ऐसा तडका लगाया कि, आम नागरिक के लिए घर खरीदना मुश्किल हो गया है.
एक प्रकल्प के लिए 40 प्रतिशत सिमेंट व स्टिल लगता है. इसके साथ ही पीवीसी, एमएस पाईप व अन्य साहित्यों का निर्माण होता है. इन सभी साहित्यों के रेट दुगने से बढने से निर्माण का खर्च भी बढ गया है. जिससे बिल्डर्स को बैंक से ज्यादा कर्ज लेना पडेगा और ब्याज भी ज्यादा देना पडेगा. इसका असर गृहनिर्माण प्रकल्पों के कीमतों पर होना लाजमी है. इसलिए केंद्र सरकार द्बारा सिमेंट, स्टिल व अन्य निर्माण साहित्यों की कीमतों पर नियंत्रण के लिए केंद्रीय प्राधिकरण की स्थापना करने की मांग बिल्डर्स एसोसिएशन द्बारा की जा रही है.

* स्टिल 80 रुपये किलो
रशिया-युक्रेन में जारी युद्ध से पहले स्टिल की कीमत 50 रुपए किलो थी. लेकिन अब युद्ध का कारण आगे कर कंपनियों ने सभी प्रकार के स्टिल की कीमत 80 रुपए प्रति किलो तक बढायी है. वैसे तो इस युद्ध का स्टिल उद्योग पर कोई असर नहीं होता, यह सभी जानते है. इसके बाद भी स्टिल के दाम क्यों बढाए गये. यह समज से परे है. दुसरी ओर पीवीसी व एमएस पाईप के दाम भी दुगनी रफ्तार से बढे है.

* सिमेंट कंपनियों की मनमानी
सिमेेंट उत्पादन की कीमत कम रहने के बावजूद भी कंपनियों ने कार्टेल कर सिमेंट के रेट बढाये है. जिसके खिलाफ बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कराई है. जिस पर निर्णय देते हुए कोर्ट ने सिमेंट कंपनियों को 5 हजार 500 करोड का जुर्माना ठोका था. लेकिन सिमेंट कंपनियों ने हाईकोर्ट के निर्णय पर सुप्रिम कोर्ट से स्टे प्राप्त किया. सिमेंट कंपनियों की मनमानी पर केंद्र सरकार का नियंत्रण नहीं रहने से कंपनियों ने फिर एक बार दाम बढाये है.

* रेती व गिट्टी भी महंगी हुई
राज्य सरकार ने 2 वर्ष तक रेती घाटों की निलामी नहीं की. जिससे सर्वत्र भारी मात्रा में अवैध रेत उत्खनन शुरु था. जिससे 8 से 10 हजार रुपए में मिलने वाली 400 से 500 ब्रास रेत 25 हजार पर पहुंच गई. लेकिन अब रेती घाटों की निलामी होने के बाद भी रेत के भाव कम नहीं हुए है. वहीं इटों पर जीएसटी बढने से ईट के रेट भी तेजी से बढ गये है.

* ऐसा हुआ बदलाव
निर्माण साहित्य पुराने रेट नये रेट
स्टिल 40 रु. किलो 80 रु. किलो
सिमेंट 250 रुपए 350 रुपए
रेत 10 हजार रु. डोजर 25 हजार रु. डोजर
ईट 6 रुपए की एक 8.50 रुपए की एक

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