अमरावती

शहर में 5 ओमिक्रॉन संक्रमित मिले

महामारी के भय को लेकर मचा हडकंप

  • कोविड संक्रमितों की संख्या में भी हो रहा इजाफा

  • जिले सहित संभाग में हालात चिंताजनक

अमरावती/दि.10 – इस समय अमरावती शहर सहित जिले व संभाग में कोविड संक्रमितों की संख्या में लगातार और जबर्दस्त इजाफा हो रहा है. साथ ही साथ कोविड वायरस के ओमिक्रॉन नामक वैरियंट का भी खतरा बना हुआ है. गत रोज जहां अमरावती जिले में लंबे समय बाद 24 घंटे के दौरान 100 कोविड संक्रमित मरीज पाये गये. वहीं 5 कोविड संक्रमितों के ओमिक्रॉन वैरियंट से संक्रमित रहने की जानकारी सामने आयी है. शहर में पहली बार 5 लोगों की ओमिक्रॉन टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने से स्वास्थ्य महकमें सहित आम जनमानस में जबर्दस्त हडकंप व्याप्त है.
बता दें कि, इससे पहले स्थानीय सुपर कोविड अस्पताल में इलाज हेतु भर्ती एक ही परिवार के 3 लोगों में से 2 लोगों की ओमिक्रॉन टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. हालांकि यह परिवार युगांडा से नागपुर लौटा था और केवल इलाज के लिए अमरावती के कोविड अस्पताल में आकर भर्ती हुआ था. साथ ही आईसोलेशन की अवधि पूर्ण कर नागपुर वापिस भी लौट गया था. जिसके बाद इन 3 में से 2 की ओमिक्रॉन टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. किंतु पहली बार अमरावती शहर से वास्ता रखने वाले 5 लोगों की ओमिक्रॉन टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. जिससे हडकंप मचना बेहत स्वाभाविक भी है. वहीं दूसरी ओर गत रोज ही अमरावती शहर में 100 नये कोविड संक्रमित मरीज पाये गये, जिससे भय व चिंता का माहौल और भी अधिक तेज हो गया.

ओमिक्रॉन को सौम्य न समझें

– विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दी चेतावनी
वहीं विगत शनिवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि डब्ल्यूएचओ ने सभी देशों के नाम ऍडवायझरी जारी करते हुए कहा कि, यद्यपि कोविड वायरस ओमिक्रॉन नामक वैरियंट फिलहाल कुछ कम घातक दिखाई दे रहा है. किंतु इसे सौम्य समझकर कोई भी लापरवाह न रहे. बल्कि हर कोई कोविड प्रतिबंधात्मक उपाय योजनाओं का कडाई के साथ पालन करें.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की आग्नेय ऐशिया ईकाई की प्रादेशिक संचालक डॉ. पुनम खेत्रपाल ने बताया कि, संबंधित देशों के हालात वहां की सरकारों ने आवश्यक उपाय योजनाएं लागू करनी चाहिए. ताकि वायरस का संक्रमण पांव न पसार सके. उन्होंने कहा कि, इस समय दुनिया के कई देशों में यह वायरस बडी तेजी से अपने पांव पसार रहा है और इस वायरस के संक्रमण की रफ्तार भी काफी अधिक है, ऐसे मेें इसे लेकर किसी भी तरह की लापरवाही काफी भारी पड सकती है. क्योंकि इस वायरस के संक्रमण की चपेट में आने वाले मरीजों को मौतें भी हो रही है. अत: सभी देशों में कोविड प्रतिबंधात्मक उपायों का पालन होने के साथ साथ अधिक से अधिक नागरिकों का टीकाकरण किया जाना चाहिए और दोनों टीके लगवा चुके नागरिकों ने भी प्रतिबंधात्मक दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए. इसके अलावा केवल तीव्र लक्षण रहने वाले मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए तथा मध्यम व सौम्य लक्षण वाले मरीजों को होम आईसोलेशन में रखा जाना चाहिए ताकि अस्पतालों पर बेवजह ही कामकाज का बोझ न पडे और इलाज की जरुरत रहने वाले मरीजों को भर्ती करने हेतु अस्पतालों में जगह उपलब्ध हो.

ओमिक्रॉन चकमा भी दे सकता है

यहा यह विशेष उल्लेखनिय है कि, इससे पहले कोविड संक्रमण की चपेट में आकर ठीक हो चुके अथवा कोविड वैक्सिन के दोनों टीके लगवा चुके लोगों को भी ओमिक्रॉन वैरियंट अपने चपेट में ले सकता है. वहीं इससे पहले कोविड वायरस व डेल्टा वैरियंट जहां बीमारों एवं कम रोगप्रतिकारक क्षमता रहने वाले लोगों को अपने चपेट में लिया करता था. वहीं ओमिक्रॉन वैरियंट बेहतरीन रोग प्रतिकारक क्षमता को बडी सहज तरीके से चकमा दे सकता है, ऐसे मेें बेहत जरुरी है कि, यदि ओमिक्रॉन वैरियंट से बचे रहना है, तो कोविड प्रतिबंधात्मक उपायों का पहले की तुलना में कहीं अधिक कडाई से पालन करना होगा. अन्यथा हालात काफी विकट हो सकते है.

प्रबोधिनी में हुआ ‘कोविड ब्लास्ट’

सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियोें के प्रशिक्षण हेतु स्थापित डॉ. पंजाबराव देशमुख प्रबोधिनी में विगत नवंबर माह से तलाठी प्रवर्ग के कर्मचारियों का प्रशिक्षण चल रहा था. जहां पर गत रोज प्रशिक्षण शिबिर में शामिल करीब 17 कर्मचारियों की कोविड टेस्ट रिपोर्ट एक साथ पॉजिटिव आई. इसके तुरंत बाद इस प्रशिक्षण शिबिर को समाप्त कर दिया गया.
जानकारी के मुताबिक शनिवार को कोविड पॉजिटिव पाये गये 17 कर्मचारियों में 8 महिला व 9 पुरुष कर्मचारियों का समावेश है. वहीं दूसरी ओर महानगरपालिका में वैद्यकीय चिकित्सा अधिकारी, निगमायुक्त के पुलिस गार्ड तथा एक कर्मचारी भी कोविड पॉजिटिव पाये जा चुके है. ऐसे में प्रशासनिक क्षेत्र में भी अच्छा खासा हडकंप व्याप्त है.

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