
अमरावती प्रतिनिधि/दि.२५ – एससी प्रवर्ग के लाभार्थियों को अधिकार वाला घर मिल सके इसके लिए रमाई घरकुल योजना सरकार की ओर से चलाई जा रही है. इस योजना अंतर्गत पांच वर्षों में केवल 5 हजार 730 घरकुलों को निर्माण कार्य पूरा हुआ है. जबकि 4 हजार 568 लाभार्थियों को घरकुल अब भी अधुरे ही है.
यहां बता दें कि जिले में रमाई घरकुल योजना अंतर्गत पांच सालों में 10 हजार 289 घरकुलों को मंजूरी मिली. इनमें से 5 हजार 730 घरकुलों का निर्माण कार्य पूरा हुआ. जबकि 4 हजार 568 घरकुलों का काम अभी भी अधुरा है. घरकुल योजना के लाभार्थियों का चयन होने के बाद अनेकों के पास जगह नहीं रहने से उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा है. वहीं इस वर्ष कोरोना का भी प्रभाव घरकुल लाभार्थियों पर पडा है. वर्ष 2019-20 में 2 हजार 995 घरकुलों को मंजूरी मिली थी, लेकिन निधि नहीं रहने से एक भी लाभार्थी को अनुदान नहीं ि मला है. वहीं 2020 में हालात काफी बिकट है. अब तक लक्षांक निर्धारित नहीं किया गया है. बीते वर्ष के लाभार्थी घरकुल के अनुदान से वंचित है. शुरुआत में अनुदान के एक,दो चरण प्राप्त हुए, लेकिन अभी भी अन्य चरणों की रकम नहीं मिली है. इसलिए बकाया अनुदान की रकम देने की मांग की जा रही है.
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निर्माण कार्य सामग्री भी हुई महंगी
बीते कुछ दिनों से निर्माण कार्य सामग्री की दरों में काफी इजाफा हुआ है. वहीं दूसरी ओर सरकार की ओर से मिलने वाले अनुदान में कोई भी बढोतरी नहीं हुई है. इस स्थिति में घरकुलों का निर्माणकार्य करते समय लाभार्थियों के काफी परेशानियों को सामना करना पड रहा है. इसलिए अनुदान में बढोतरी करने की मांग की जा रही है.
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1 लाख 20 हजार की आर्थिक सहायता
घरकुल के लिए प्रति लाभार्थी 1 लाख 20 हजार रुपए आर्थिक सहायता दी जाती है. जीओ टैगिंग के माध्यम से निर्माण कार्य पर ध्यान रखकर अनुदान के पैसे दिये जाते है.
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रेती का भी अभाव
जिले में रेती घाट की नीलामी नहीं हुई है. जिसके चलते घरकुल लाभार्थियों को निर्माण के लिए रेत नहीं मिल रही है. मध्यांतर में सरकार ने घरकुल लाभार्थियों को रेती देने की घोषणा की थी, लेकिन उसे अंमल में नहीं लाया गया.